
राष्ट्रपति ट्रंप और अरब लीग के महासचिव अहमद अबुल ग़ेत.

अरब लीग (Arab League) के महासचिव अहमद अबुल ग़ेत (Aboul Gheit) ने बुधवार (12 फरवरी) को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की गाजा पर कब्जा करने और फिलिस्तीनियों को फिर से बसाने की योजना इस क्षेत्र में हाल ही में हुए युद्धविराम को खतरे में डालेगी साथ ही क्षेत्रीय अस्थिरता को भी बढ़ावा देगी.
महासचिव अहमद अबुल ग़ेत ने दुबई में विश्व सरकार शिखर सम्मेलन (World Government Summit) में चेतावनी दी कि अगर ट्रंप अपनी योजना पर आगे बढ़ते हैं, तो वे मध्य पूर्व को संकटों के एक नए तरीके से फिर से ला खड़ा करेंगे जिसका शांति और स्थिरता पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. ट्रंप ने अप्रत्याशित रूप से यह घोषणा करके अरब दुनिया को नाराज कर दिया कि अमेरिका गाजा पर कब्जा करे इसे “मध्य पूर्व के रिवेरा” के रूप में विकसित करेगा जिसके बाद गाजा की 20 लाख से अधिक फ़िलिस्तीनी आबादी को यहां फिर से बसाएगा.
इससे युद्ध विराम का सारा प्रयास बेकार हो जाएगा
महासचिव अहमद अबुल ग़ेत कहा कि अगर स्थिति एक बार फिर सैन्य रूप से विस्फोटक हो जाती है, तो इससे युद्ध विराम का सारा प्रयास बेकार हो जाएगा. खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के राजनीतिक और आर्थिक गठबंधन के प्रमुख जसम अल-बुदैवी ने ट्रंप से दोनों के बीच मजबूत संबंधों को याद रखने का आह्वान किया..
अक्टूबर 2023 में हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले और 16 महीने तक चले इजरायली हवाई हमलों से फिलिस्तीनियों को फिर से तबाही (Naqba) का डर है. नकबा 1948 के युद्ध के दौरान लगभग 8 लाख लोगों को भागना पड़ा था या उन्हें बाहर निकाल दिया गया था.
गाजा के लोगों को वापस लौटने का कोई अधिकार नहीं
राष्ट्रपति ट्रंप ने एक और बयान में कहा था कि गाजा में रहने वाले फिलिस्तीनी जॉर्डन जैसे देशों में बस सकते हैं, जहां पहले से ही बहुत बड़ी फिलिस्तीनी आबादी है. ट्रंप के इस प्रस्ताव को मिस्र और जॉर्डन दोनों ने ही अस्वीकार कर दिया है. ट्रंप ने ये भी कहा कि गाजा के लोगों को वापस लौटने का कोई अधिकार नहीं है.
हमास ने 16 बंधकों को रिहा किया
अब तक इजरायल से हमास द्वारा लिए गए 33 बंधकों में से 16 को युद्धविराम समझौते के पहले चरण के हिस्से के रूप में रिहा कर दिया गया है. यह 42 दिनों तक चलने वाला है. इसमें पांच थाई बंधकों को भी अनिर्धारित रिहाई में छोड़ दिया गया.
इसके बदले में इजरायल ने सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों और बंदियों को रिहा कर दिया है, जिनमें से कुछ आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं और अन्य युद्ध के दौरान हिरासत में लिए गए थे. इनमें से कई बिना किसी आरोप के पकड़े गए थे.
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-भारत एक्सप्रेस
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