अफगानिस्तान में महिलाओं की मेडिकल शिक्षा पर प्रतिबंध
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के फैसले से विवाद खड़ा हो गया है. 2 दिसंबर को तालिबान के मंत्री हिबतुल्लाह अखुंदजदा ने एक फरमान जारी कर महिलाओं की मेडिकल शिक्षा पर प्रतिबंध लगा दिया. इस फैसले के खिलाफ अफगानिस्तान के स्टार क्रिकेटर राशिद खान और मोहम्मद नबी ने नाराजगी जताई है.
राशिद खान का पोस्ट
राशिद खान ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने लिखा, “इस्लाम में शिक्षा का महत्व बहुत अधिक है. यह ज्ञान की खोज के लिए पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रेरित करता है. अफगानिस्तान में बहनों और माताओं के लिए शैक्षणिक और मेडिकल संस्थानों के बंद होने की खबर से मैं बहुत दुखी हूं. यह केवल उनके भविष्य को नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि समाज को भी गहराई से प्रभावित करता है.”
उन्होंने आगे लिखा, “देश में महिला डॉक्टरों और नर्सों की कमी एक बड़ी समस्या है. इसका सीधा असर महिलाओं की सेहत और उनकी गरिमा पर पड़ता है. यह स्थिति चिंताजनक है.”
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— Rashid Khan (@rashidkhan_19) December 4, 2024
मोहम्मद नबी ने भी की आलोचना
दूसरे स्टार क्रिकेटर मोहम्मद नबी ने भी इस फैसले की आलोचना की. उन्होंने इसे “अन्यायपूर्ण और हृदयविदारक” करार दिया. नबी ने लिखा, “इस्लाम ने हमेशा शिक्षा के महत्व पर जोर दिया है. हमारे इतिहास में कई प्रेरणादायक मुस्लिम महिलाओं के उदाहरण हैं, जिन्होंने ज्ञान के माध्यम से समाज को बेहतर बनाया. लड़कियों को मेडिकल की पढ़ाई से रोकना गलत है.”
— Mohammad Nabi (@MohammadNabi007) December 4, 2024
राशिद और नबी की अपील
दोनों क्रिकेटरों ने तालिबान से इस फैसले पर दोबारा विचार करने की अपील की है. उनका मानना है कि महिलाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध लगाना समाज के विकास में बाधा डालने जैसा है. तालिबान का यह फैसला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आलोचना का कारण बन रहा है.
-भारत एक्सप्रेस
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