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‘कट्टर विचार’ और ‘फेक न्यूज’ की इस तरह से पहचान कर सकेंगे स्कूली बच्चे, ये देश करने का जा रहा है पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव

शिक्षामंत्री ने कहा कि हम बच्चों को प्रशिक्षित करना चाहते हैं कि वह ऑनलाइन जो भी देखें या पढ़े, उसकी सटीकता और सत्यता से वाकिफ हो सके.

सांकेतिक फोटो-सोशल मीडिया

Viral News: ये तो सभी जानते हैं कि अब दौर सोशल मीडिया का है. बड़े से लेकर युवा और बच्चों तक के हाथ में इंटरनेट सुविधा वाले मोबाइल मौजूद हैं और वे सोशल मीडिया पर घंटों समय बिताने लगे हैं. तो वहीं तमाम ऐसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म भी है, जहां पर फेक न्यूज के साथ ही कट्टर विचार वाली बातें भी जमकर वायरल हो रही हैं. इससे बच्चों के मानसिक विचारों पर खासा असर पड़ रहा है.

कभी-कभी, लोग सच्ची जानकारी को बदनाम करने के लिए ‘फर्जी समाचार’ सोशल मीडिया पर वायरल कर देते हैं और लोग इसे सच मान बैठते हैं. कई बार इसके दुष्परिणाम भी देखने को मिले हैं. इसको देखते हुए ब्रिटेन ने स्कूल के पाठ्यक्रम में बदलाव करने की योजना बनाई है.

ब्रिटेन की शिक्षा मंत्री ब्रिजेट फिलिपसन ने मीडिया को बताया कि वह प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों के पाठ्यक्रम में बदलाव की समीक्षा कर रही हैं. दरअसल नए पाठ्यक्रम के तहत बच्चों को फेक न्यूज और कट्टरपंथी सोच से जुड़े ऑनलाइन कंटेंट को पहचानना सिखाया जाएगा. इससे बच्चों में क्रिटिकल थिंकिंग को बढ़ावा दिया जाएगा. इस बदलाव से स्कूली बच्चों को फेक न्यूज और कट्टरपंथी कंटेंट को पहचानना सिखाया जाएगा. बता दें कि ब्रिटेन ने ये फैसला देश में लगातार बढ़ रहे दक्षिणपंथी दंगों के कारण किया गया है.

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ब्रिटेन की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन दंगों के पीछे फेक न्यूज को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. ब्रिटेन की शिक्षा मंत्री ब्रिजेट फिलिपसन ने आगे बताया कि हम बच्चों को प्रशिक्षित करना चाहते हैं कि वह ऑनलाइन जो भी देखें या पढ़े, उसकी सटीकता और सत्यता से वाकिफ हो सके. उन्हें यह सीखने में मदद मिल सके कि सटीक रिपोर्टिंग से मनगढ़ंत चीजों को कैसे अलग किया जाए. इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि यह पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है कि हम युवाओं को ज्ञान और कौशल प्रदान करें ताकि वे ऑनलाइन जो कुछ भी देखते हैं, उस कंटेंट को लेकर सतर्क हो सकें. उन्हें सोशल मीडिया पर फैली गलत सूचनाओं, फर्जी खबरों और घृणित षड्यंत्र के सिद्धांतों से बचाया जा सके.

-भारत एक्सप्रेस

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