
सैम ऑल्टमैन. (फाइल फोटो)
भारत के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के रोमांचक सफर की शुरुआत करते हुए OpenAI के सह-संस्थापक और सीईओ सैम ऑल्टमैन (Sam Altman) ने बुधवार (5 फरवरी) को कहा कि भारत AI के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण बाजार है और कंपनी का वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा बाजार है. चैटजीपीटी (ChatGPT) AI मॉडल के मालिक सैम ऑल्टमैन एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. कार्यक्रम में केंद्रीय रेल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद थे.
ऑल्टमैन ने हाल ही में ‘स्टारगेट’ (Stargate) नामक एक विशाल 500 अरब डॉलर की परियोजना की घोषणा की है, जो अगले चार वर्षों में सॉफ्टबैंक, ओरेकल और MGX के साथ मिलकर अमेरिका में नए AI इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करेगी. सैम ऑल्टमैन ने कहा कि भारत को AI मॉडल की रेस में लीडर होना चाहिए.
उन्होंने कहा, “भारत AI के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण बाजार है. यह हमारा दूसरा सबसे बड़ा बाजार है. मॉडल अभी भी सस्ते नहीं हैं, लेकिन वे संभव हैं. भारत को निश्चित रूप से इसमें लीडर होना चाहिए.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत द्वारा बड़े भाषा मॉडल (LLM) बनाने या न बनाने में सक्षम होने पर उनकी पिछली टिप्पणी को गलत तरीके से पेश किया गया था.
वहीं रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि, देश में युवा उद्यमी वास्तव में इनोवेशन के अगले स्तर पर पहुंचने पर ध्यान दे रहाे है. जो लागत को कम करेगा और उसी तर्ज पर जैसे “हमने चंद्रयान मिशन किया, हम LLM स्पेस में ऐसा क्यों नहीं कर सकते.”
अगले 6 महीनों में भारत का अपना AI मॉडल लॉन्च होगा
आईटी मंत्री ने पिछले महीने घोषणा की है कि भारत भी आगामी छह महीने के भीतर किफायती लागत पर अपना सुरक्षित और स्वदेशी AI मॉडल लॉन्च कर सकता है. भारतीय एआई मॉडल आने वाले दिनों में देश को एथिकल AI समाधानों के अधिक विश्वसनीय तकनीकी महाशक्ति के रूप में उभरने में मदद करेगा. उच्च-स्तरीय सामान्य कंप्यूटिंग सुविधा द्वारा समर्थित IndiaAI मिशन अब भारतीय भाषाओं का उपयोग करके घरेलू संदर्भ के लिए स्वदेशी AI समाधानों को अनुकूलित करने के करीब है.
सरकार देगी 40% सब्सिडी
वैज्ञानिक, शोधकर्ता, डेवलपर्स और कोडर इस संबंध में गति के साथ कई आधारभूत मॉडलों पर काम कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जताई कि भारतीय AI मॉडल के छह महीने के भीतर तैयार होने की संभावना है. AI मॉडल की शुरुआत लगभग 10,000 GPU की कम्प्यूटेशन सुविधा के साथ हो रही है. जल्द ही शेष 8693 GPU जोड़े जाएंगे. शुरुआत में इसका लाभ मुख्य रूप से शोधकर्ताओं, छात्रों और डेवलपर्स को मिलेगा. सरकार ने लागत का 40 प्रतिशत सब्सिडी देने के बाद इसे उपयोगकर्ताओं को 100 रुपये प्रति GPU से भी कम कीमत पर देने का फैसला किया है.
वैश्विक मॉडलों की तुलना में जिनकी लागत 2.5 से 3 डॉलर प्रति घंटे है, भारत के AI मॉडल की लागत 40 प्रतिशत सरकारी सब्सिडी के बाद 100 रुपये प्रति घंटे से भी कम होगी. यह चीन के ओपन-सोर्स मॉडल डीपसीक की तुलना में लगभग नौ गुना और चैटजीपीटी की तुलना में लगभग दो तिहाई है.
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-भारत एक्सप्रेस
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