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ChatGPT

बालाजी की मौत ने AI प्रौद्योगिकियों के नैतिक और कानूनी निहितार्थों के बारे में बहस को फिर से हवा दे दी है. पिछले दो वर्षों में कई व्यक्तियों और व्यवसायों ने OpenAI सहित विभिन्न AI कंपनियों पर कॉपीराइट कंटेट का इस्तेमाल करने के लिए मुकदमा दायर किया है.

जीवन के अंत तक के चरणों की भविष्यवाणी करने में मदद करने के लिए रिसर्चर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) आधारित एक Algorithm विकसित कर रहे हैं, जिसे ‘Death Calculator’ कहा जा रहा है. इस AI मॉडल को Life2Vec नाम दिया गया है.

परिचर्चा सत्र में लेखक डॉ. सुनील कुमार शर्मा ने कहा 'अतीत के परिवर्तनकारी तकनीकी बदलावों की तरह आर्टिफिशल इंटेलिजेंस भी वैसी ही चुनौतियां ला रही है।

क्या कोई आपको बता सकता है कि इस दिन आपकी मौत का निमंत्रण आएगा? क्या कोई मुझे मृत्यु की तारीख बता सकता है? मृत्यु कभी भी हो सकती है. कौन कब चलेगा, बात करेगा, हंसेगा, खेलेगा, यह कहना नामुमकिन है.

OpenAI Controversy: सैम ऑल्टमैन ने ही जैटजीपीटी बनाया था लेकिन अब वो ही ओपेन एआई के विवाद में बुरी फंस गए हैं.

XAI का इस्तेमाल बिल्कुल आसान होगा. यूर्जस मशीन लर्निंग एल्गोरिदम को आसानी से समझ पाएंगे. मस्क ने अप्रैल में TruthGPT या एक ऐसा AI टूल लॉन्च करने की बात कही थी को एकदम सच बताता हो और दुनिया की वास्तविक प्रकृति को समझता हो.

शादी करवाने के लिए अब पंडित या विवाह अधिकारी की जरूरत नहीं है क्योकि लोग चैट जीपीटी की मदद से शादी कर रहे हैं. यानि AI लोगों की शादी करवा रहा है

यह तकनीक कृत्रिम बुद्धिमत्ता और कंप्यूटर विज़न एल्गोरिदम के उपयोग के माध्यम से संभव बनाई गई है जो वस्तुओं और उनकी विशेषताओं को पहचान सकती है।

अब कंपनी ने बहुत जल्द ai बेस्ड प्रोडक्ट बनाना है. जो कोडिंग में मददगार साबित हो सके. कंपनी का कहना है कि ऐसा

ChatGPT: चैटजीपीटी को बीते साल नवंबर 2022 में लॉन्च किया गया था. इसकी बुद्धिमता को लेकर तमाम तरह के दावे किए जा रहे हैं.