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India China Border Dispute: दुनिया में दो सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों भारत और चीन के आपसी संबंध ठीक नहीं चल रहे. चीन अपनी दादागीरी से अपने पड़ोसी देशों को तंग करता रहता है, कुछ दशक पहले उसने अचानक हमला करके भारत की हजारों वर्ग किमी जमीन हड़प ली थी. 2020 में चीनी सेना ने बॉर्डर पर फिर नापाक हरकत की, लेकिन गलवान घाटी में उसे कड़ा जवाब मिला. अब भारत के हजारों सैनिक बॉर्डर की सुरक्षा में दिन-रात चौकस रहते हैं.
भारतीय सेना की तैनाती से चीन का माथा ठनक रहा है. चीन ने कहा है कि बॉर्डर पर ज्यादा भारतीय सैनिकों की तैनाती दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए सही नहीं है. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा- LAC को लेकर भारत के कदम शांति स्थापित करने के पक्ष में नहीं हैं. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, माओ निंग ने आगे कहा- “हम भारत के साथ मिलकर सीमा और उसके आसपास के क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के लिए काम करने को तैयार हैं. हम चाहते हैं कि भारत की ओर से अब सैनिकों की तैनाती न हो.”
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने रोना रोया
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने अपनी पश्चिमी सीमा से करीब 10 हजार सैनिकों को हटाकर उन्हें चीन बॉर्डर के पास तैनात कर दिया है…इससे चीनी सेना की हेकड़ी निकल गई है. अब चीन के विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की ओर से भारत पर तोहमत मढ़ी जा रही है, हालांकि चीन खुद अपनी सेना पीछे हटाने को राजी नहीं हो रहा. हाल में ही जापान दौरे पर गए भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने गुरुवार (7 मार्च) को चीन के साथ रिश्तों पर बात की थी.
‘समझौतों को नहीं मानता चीन, इसलिए ऐसी स्थिति’
भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था- 1975 से 2020 तक बॉर्डर पर शांति थी. 2020 (गलवान झड़प) में सब बदल गया..चीनी सैनिकों ने हमारे निहत्थे जवानों पर हमला कर दिया, जिसमें कई जानें गंवानी पड़ीं. जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन कई मुद्दों पर सहमत नहीं हैं. चीन लिखित समझौतों को नहीं मान रहा, इसलिए ऐसी तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई हैं.
‘भारत ने LAC पर तैनात किए अतिरिक्त जवान’
एक रक्षा विशेषज्ञ ने कहा कि चीन पहले उकसाता है और फिर भारत द्वारा जब जवाबी कार्रवाई की जाती है तो वो धमकियां देने लगता है. पिछले चार वर्षों से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर उसने अपने सैनिकों को फॉरवर्ड मोर्चे पर तैनात कर रखा है और जब भारत वहां अपने सैनिकों को बढ़ाने लगा तो उसे मिर्ची लग रही है. भारत ने चीन के साथ अपनी सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात किया है.
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि भारत ने चीन के साथ अपनी विवादित सीमा को मजबूत करने के लिए नए सिरे से रणनीति बनाई है. सेना ने पश्चिमी सीमा पर तैनात 10000 सैनिकों को भारत चीन सीमा पर तैनात किया है. हालांकि सेना के उच्च अधिकारियों ने इसके बारे में कोई औपचारिक सूचना (formal notice) नहीं दी है. ये जवान उत्तराखंड से लेकर हिमाचल प्रदेश तक लगती चीन की सीमा पर तैनात किए गए हैं. भारत-चीन सीमा के इस क्षेत्र में पहले से ही 9000 सैनिक तैनात हैं.
भारतीय जवान 532 किलोमीटर लंबी सीमा को सुरक्षित करेंगे
साल 2020 में चीन के साथ झड़प में कम से कम 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए. भारतीय जवानों ने भी चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया था. लेकिन चीन ने दुनिया में बदनामी के डर से अपने सैनिकों की मौत का संख्या नहीं बताई. इस घटना के बाद साल 2021 में भारत ने चीन से लगती सीमा पर पेट्रोलिंग के लिए अतिरिक्त 50,000 सैनिकों को तैनात की थी. बताया जा रहा है कि भारतीय जवान 532 Km लंबी सीमा को और ज्यादा सुरक्षित करेंगे.
हवाई-रक्षा से संबंधित सैन्य शक्ति को भी बढाया जा रहा है
भारत और चीन ने सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ-साथ हवाई सैन्य शक्ति को भी बढाया है और अधिक सैनिकों की तैनाती के अलावा मिसाइलों और एयरक्राफ्ट को अपनी सीमा पर तैनात किया हुआ है. हाल ही में भारत के रक्षा सचिव गिरिधर ने संभावना जताई थी कि हमें ऐसी भी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है जिसका सामना हमने 2020 में किया था, इसलिए हम हर समय सक्रिय रहते हैं.
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