
भारत अमेरिका मिनी ट्रेड डील
India-US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से ट्रेड डील पर चल रही बातचीत अब अपने आखिरी पड़ाव पर है. सूत्रों के मुताबिक, अगले 24 से 48 घंटों में इस मिनी ट्रेड डील को अंतिम रूप दिया जा सकता है. इस डील में दोनों देशों के बीच कपड़ा और चमड़ा उद्योग जैसे लेबर इंटेंसिव सेक्टरों पर खास फोकस रखा गया है. माना जा रहा है कि इस मिनी ट्रेड डील से भारत और अमेरिका के व्यापारिक रिश्तों में नई जान फूंकी जा सकती है.
सूत्रों के मुताबिक भारत ने इस डील के तहत अमेरिका के सामने एक निष्पक्ष और संतुलित प्रस्ताव रखा है. जिसमें भारत अपने उन घरेलू उद्योगों का खास ध्यान रखा है, जो भारत की निर्यात भूमिका में अहम किरदार निभाते हैं.
भारतीय उत्पादों को अमेरिकी बाजार में छूट
बताया जा रहा है कि इस डील के तहत कुछ भारतीय उत्पादों को जहां अमेरिकी बाजार में कोटा आधारित छूट दी जा सकती है. जिससे उनपर लगा टैरिफ घट सकता है. इससे भारतीय उत्पादों को अमेरिकी ग्राहकों तक आसानी से पहुंच मिल सकेगी. जिससे भारतीय निर्यातकों को बड़ी राहत मिल सकती है.
अमेरिका को इस ट्रेड मिल से क्या होगा हासिल?
इस मिनी ट्रेड डील में भारत ने अमेरिका को भी कुछ छूट देने की पेशकश की है. जिसमें कृषि उत्पाद प्रमुख हैं. भारत ने पैकान नट्स और ब्लूबेरी जैसे अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ कम करने की पेशकश की है.
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गेहूं, डेयरी और चावल पर नहीं होगा कोई समझौता
हालांकि भारत ने गेहूं, डेयरी और जेनेटिकली मॉडिफाइड फसलों जैसे उत्पादों पर किसी भी तरह की रियायत देने से साफ मना कर दिया है. भारत सरकार का मानना है कि इन क्षेत्रों में अमेरिका को छूट देना किसानों के साथ धोखा है. इससे घरेलू किसानों और कृषि आधारित उद्योगों को नुकसान हो सकता है.
मिनी डील के तौर पर देखा जा रहा ये समझौता
हालांकि इस समझौते को मिनी डील के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन आने वाले समय में यह एक व्यापक द्विपक्षीय व्यापार समझौते की नींव रखने में अहम भूमिका निभा सकता है. उम्मीद जताई जा रही है कि 9 जुलाई के बाद भारत-अमेरिका व्यापार के बीच व्यापक व्यापार समझौते की औपचारिक बातचीत शुरू हो सकती है.
भारत के लिए क्या मायने रखता है समझौता?
अगर इस मिनी डील को लेकर सबकुछ सही रहा तो यह भारत के लिए कई मायनों में फायदेमंद साबित हो सकती है. खासकर एक्सपोर्ट आधारित इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा मौका है. इस ट्रेड डील से ना सिर्फ भारतीय उत्पादों को अमेरिका जैसा बड़ा मार्केट मिल सकता है. बल्कि दोनों देशों के बीच आर्थिक आधार पर रिश्ते भी मजबूत होंगे. अब गेंद अमेरिका के पाले में है. अमेरिका का इस मिनी डील पर क्या रुख रहता है वो आने वाला वक्त बताएगा.
– भारत एक्सप्रेस
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