
Israel-Iran Issue: अमेरिकी मीडिया एजेंसी सीएनएन ने रिपोर्ट किया कि अमेरिकी खुफिया विभाग ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन और वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को आगाह किया है कि इजरायल संभवत: 2025 में ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर सकता है. कई सुत्रों को इसकी जानकारी है और उनका मानना है कि इजरायल (Israel) के इस कदम से मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ जाएगा और यह क्षेत्र के संघर्ष को और बड़ा करेगा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल का सैन्य रूख नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप (Donald Trump) के ईरान के साथ शांति समझौते के लक्ष्य के साथ मेल नहीं खाता है. खुफिया विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल न सिर्फ ईरान के परमाणु ठिकानों को ध्वस्त करने पर पूरा ध्यान लगा रहा है बल्कि ईरान में सत्ता परिवर्तन के लिए भी प्रयास करेगा.
हालांकि, इजारयल ने पहले भी ईरान के कई मिलिट्री ठिकानों पर हमला किया है पर रिपोर्ट के मुताबिक नए हमले पहले की तुलना में काफी अधिक विध्वंसक होंगे और ईरान के महत्वपूर्ण परमाणु ठिकानों को निशाना बनाएंगे. रिपोर्ट का आकलन यह बताता है कि हाल के सैन्य झटकों और आर्थिक प्रतिबंधो की वजह से ईरान इस वक्त कमजोर हालत में है जिसका इजरायल फायदा उठाना चाह रहा है.
अमेरिका के बिना इजरायल हमला नहीं कर सकता
बाइडेन प्रशासन के एक पूर्व अधिकारी ने मीडिया को बताया कि अगर इजरायल ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूर्ण रूप से बर्बाद करना चाहता है तो वह अमेरिका के सैन्य मदद के बिना नहीं कर पाएगा. ईरान के अंडरग्राउंड परमाणु ठिकानों को तबाह करने के लिए इजरायल को टैंकरों को तबाह करने वाले शक्तिशाली बम और बीच हवा में ईंधन भरने जैसे अमेरिकी सहायता की जरूरत होगी.
ईरान (Iran) कोे लेकर राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि वह सैन्य कार्रवाई की जगह कूटनीति में अपनाएंगे. उन्होंने कहा कि वह ईरान के साथ सौदा करना चाहेंगे. हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इजरायल की जिद और दबाव के आगे ट्रंप का यह रूख बदल सकता है.
इजरायल के अधिक शक्तिशाली आक्रमण के प्रयास के बावजूद ट्रंप ईरान को लेकर कूटनीति की ओर बढ़ रहे है. उन्होंने स्टीव मिटकॉफ ( Steve Witkoff) को मध्य पूर्व में अपना दूत नियुक्त किया है. स्टीव को कुशल वार्ताकार माना जाता है. उन्होंने गाजा और इस क्षेत्र में युद्ध विराम समझौते के लिए काम किया है.
अमेरिकी खुफिया विभाग के अनुसार, इजरायल अभी यह योजना बनाने में लगा है कि ईरान पर संभावित हमले के लिए लंबी दूरी की मिसाइल या फाइटर जेट का इस्तेमाल करें. मीडिया के अनुसार, हाल ही में ईरान के मिसाइल उत्पादन स्थलों और वायु रक्षा प्रणालियों पर इजरायल द्वारा किए गए हमलों के बाद ईरान की कमजोर स्थिति को एक मौके के रूप में देख रहा है.
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-भारत एक्सप्रेस
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