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सूत्रों के मुताबिक, शेख हसीना के बांग्लादेश से भारत पहुंचने के मिशन में विदेश मंत्रालय की बड़ी भूमिका रही है. उनके भारत पहुंचने से पहले ही सुरक्षा एजेंसियों ने सारी तैयारी कर ली थी.

देश में प्रदर्शन और हिंसा भड़कने से पहले शेख हसीना कई बार भारत का दौरा कर चुकी थीं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या शेख हसीना को पहले से ही किसी अनहोनी का अंदेशा था.

2019 में चुने गए सईद ने 2021 में संसद को भंग कर दिया और एक डिक्री द्वारा शासन करना शुरू कर दिया, जिसे विपक्ष ने तख्तापलट बताया.

5 अगस्त 2024 को शेख हसीना सरकार का तख्तापलट हो गया. सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर भड़की हिंसा के बीच उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा.

बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने कहा कि जल्द ही अंतरिम सरकार का गठन होगा. राष्ट्रपति ने विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए सभी छात्रों को रिहा करने का भी निर्देश दिया.

विदेश मंत्री ने बांग्लादेश में मौजूद भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भी जानकारी दी.

इस दिन का इतिहास हमें याद दिलाता है कि परमाणु हथियारों का उपयोग दुनिया के लिए कितना विनाशकारी हो सकता है.

बैठक में आरक्षण विरोधी आंदोलन में मारे गए लोगों की याद में एक शोक प्रस्ताव भी पेश किया गया और दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की गई.