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American Media on G20: राजधानी दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन का आगाज हो चुका है. इसको पर पूरी दुनिया की निगाहें हैं. इंटरनेशनल मीडिया में भी भारी कवरेज भी मिल रहा है, लेकिन वहीं दूसरी पश्चिमी मीडिया में कुछ ऐसी खबरें छप रही या दिखाई जा रही हैं, जिससे भारत की छवि को नुकसान पहुंच सके. बता दें कि जी20 के आयोजन के दिल्ली का सौंदर्यीकरण किया गया है, लेकिन पश्चिमी मीडिया में इस दौरान कुछ इलाको में झुग्गयों को गिराने का मुद्दा उठाया गया है. वहीं अब इसको लेकर रूस की सरकारी मीडिया ने पश्चिमी मीडिया को फटकार लगाई है.
रूस की सरकारी ब्रॉडकास्टर रसिया टीवी (RT) ने अपने एक ऑपिनियन लेख में भारत की तारीफ करते हुए कहा कि भारत बढ़िया तरीके से शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहा है, लेकिन पश्चिमी मीडिया ने केवल नेगेटिव खबरें चलाई जा रही हैं.
रूस की मीडिया ने अपने लिख में कहा कि पश्चिमी मीडिया ने केवल गरीबों और वंचितों पर फोकस रखा. उसने केवल इस चीज को दिखाया कि भारत ने दिल्ली के सौंदर्यीकरण के लिए किस तरह गरीबों की बस्तियों को उजाड़ दिया. यह इस बात को दिखाता है कि गैर-पश्चिमी देशों के बारे में कुछ भी लिख देना कितना आसान है. उन्होंने केवल भारत की जी20 सम्मेलन को लेकर केवल नेगेटिव खबरे चलाई हैं. रूसी मीडिया ने आगे कहा कि भारत में इस साल 20 की 220 बैठकें हो चुकी हैं, जिसे सफलापूर्व किया गया. हालांकि इसमें कुछ कमिया थी जो ज्यादातर देशों में रहती हैं. भारत की जी20 की तैयारियों को लेकर काफी देश भारत की तारीफ कर चुके हैं.
अमेरिका के प्रमुख अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने अपने पोस्ट में लिखा कि- प्रधानमंत्री ने जी20 के वैश्विक कार्यक्रम के जरिए अपने आप को रिब्रांडिंग किया है. उन्होंने आगे लिखा कि देश में हर जगह पीएम मोदी का चेहरा चिपका दिया गया है. यह साफ संदेश है कि दुनिया के शीर्ष नेताओं की मेजबानी करके, भारत एक विश्व शक्ति के रूप में उभरा है. मोदी ही वो शख्स है जो भारत को यहां तक ले गए, लेकिन हकीकत अलग है. जी20 की अध्यक्षता हर सदस्य देश को मिलती है, जैसे पिछले साल इंडोनेशिया को मिली थी.
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इसके अलावा पीएम मोदी और जो बाइडेन के द्विपक्षीय बैठक के बाद अमेरिका के एक पत्रकार ने व्हाइट हाउस प्रवक्ता से सवाल पूछा कि, “बाइडेन-मोदी के बीच मुलाकात के संबंध में सबसे पहले मैं ये जानना चाहता हूं कि क्या बातचीत में झुग्गियों पर बुलडोजर चलाए जाने को लेकर बात हुई? क्या राष्ट्रपति बाइडेन ने पूछा कि सुनिए. लोकतांत्रिक सरकारें ऐसा बर्ताव नहीं करती हैं.”
रूसी मीडिया अमेरिकी अखबार को आइना दिखाते हुए कहा कि जैसे भारत में अमीरी के बीच गरीबी की समस्या है, वैसे ही अमेरिका में सिलिकन वैली (कैलिफोर्निया) में लोगों के पास घर नहीं है. यहां बड़े पैमाने पर ड्रग्स की समस्या है, जिसके कई वीडियो सामने आते हैं. आज भी यूरोप के अधिकांश शहर प्रवासियों और बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं. रूसी मीडिया ने आगे कहा कि पश्चिमी मीडिया का केवल विकासशील दुनिया के नेताओं की गरीबी और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर फोकस करना कट्टर दोगलापन है.
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