बांग्लादेश में ताजा विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों को रोकते जवान.
शेख हसीना (Sheikh Hasina) सरकार का तख्तापलट करने के बाद बांग्लादेश (Bangladesh) में एक बार फिर से जोरदार प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. बीते मंगलवार (22 अक्टूबर) को प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन (Presidential Palace) पर धावा बोलने की कोशिश की.
प्रदर्शनकारियों ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना पर हाल में की गई टिप्पणियों को लेकर राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन (President Mohammed Shahabuddin) के इस्तीफे की मांग की. पिछले हफ्ते एक इंटरव्यू में राष्ट्रपति ने कहा था कि उनके पास इस बात का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि बीते 5 अगस्त को छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बीच देश छोड़कर भागने से पहले शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
सीसीटीवी फुटेज में विभिन्न बैनरों के तहत प्रदर्शनकारियों को पुलिस के साथ हाथापाई करते हुए देखा जा सकता है, जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन, बंग भवन में प्रवेश करने से रोक दिया.
Fresh round of agitations erupted in Bangladesh. People took to streets and Protesters sieged presidential palace. They’re demanding the resignation of President Mohammed Shahabuddin.#bangladeshgenocide #bangladesh2024 #BangladeshProtests pic.twitter.com/vGNjL5EcsJ
— V Chandramouli (@VChandramouli6) October 23, 2024
2 लोग घायल
पुलिस ने अंतत: साउंड ग्रेनेड दागे, जिसके बाद सेना के जवानों को हस्तक्षेप करना पड़ा और फिर पुलिसकर्मियों को राष्ट्रपति भवन के अंदर भेजना पड़ा. स्थिति तब थोड़ी शांत हुई, जब सेना ने लाउडस्पीकरों का उपयोग करते हुए प्रदर्शनकारियों से बंग भवन गेट छोड़ने का अनुरोध किया.
बांग्लादेशी दैनिक बिजनेस स्टैंडर्ड ने अस्पताल के सूत्रों के हवाले से बताया कि राष्ट्रपति भवन के बैरिकेड्स तोड़ने से प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा की गई गोलीबारी में दो लोग गोली लगने से घायल हो गए.
इसमें कहा गया है कि हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए इस्तेमाल किए गए ध्वनि ग्रेनेड से एक तीसरा व्यक्ति घायल हो गया. शेख हसीना को हटाने के लिए अभियान चलाने वाले भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन (Anti-discrimination Student Movement) ने ढाका में केंद्रीय शहीद मीनार के सामने रैली निकाली और राष्ट्रपति शहाबुद्दीन के इस्तीफे की मांग की.
Momentum is growing in #Bangladesh for the removal of President #MohammedShahabuddin, as protests intensify after his comments regarding the resignation of former Prime Minister #SheikhHasina.#افتتاح_مضغوط_بيتنا_التخصصي#النصر_الاستقلال pic.twitter.com/1fgpLmLZdk
— know the Unknown (@imurpartha) October 22, 2024
1972 का संविधान खत्म हो
इस संगठन ने राष्ट्रपति को हटाने के लिए 7 दिन की समयसीमा तय की और पांच सूत्री मांग रखी, जिसमें बांग्लादेश के 1972 के संविधान को खत्म करना भी शामिल है, जिसे देश के संस्थापक पिता शेख मुजीबुर रहमान (Sheikh Mujibur Rahman) के नेतृत्व में तैयार किया गया था, जो देश के राष्ट्रपति बने और शेख हसीना के पिता भी हैं.
भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के समन्वयकों में से एक हसनत अब्दुल्ला ने कहा, ‘हमारी पहली मांग (पांच सूत्री मांग का) मुजीब समर्थक 1972 के संविधान को तुरंत खत्म करना है, जिसने चुप्पू (Chuppu) को पद पर बनाए रखा है. (‘चुप्पू’ राष्ट्रपति शहाबुद्दीन का उपनाम है.)
नहीं तो फिर सड़कों पर लौटेंगे
ढाका में सेंट्रल शहीद मीनार में हुई एक रैली में बोलते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘2024 के बड़े पैमाने पर उथल-पुथल की पृष्ठभूमि में (1972 के) संविधान को बदलकर एक नया संविधान लिखना होगा.’
उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस सप्ताह तक मांगों को पूरा करने में विफल रही तो प्रदर्शनकारी ‘पूरी ताकत के साथ सड़कों पर लौट आएंगे’. मंगलवार को ढाका विश्वविद्यालय के प्रमुख परिसर शहीद मीनार और बंग भवन में भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के साथ-साथ विभिन्न बैनरों के तहत कई अन्य समूह भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.