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अंतरिक्ष एजेंसी नासा चंद्रमा पर कचरे के रीसायकल के लिए तलाश रही नया तरीके की खोज

नासा के इस पहल का शुरु करने का सबसे बड़ा उद्देश्य आर्टेमिस कार्यक्रम के तहत जादे समय में चंद्र मिशनों के दौरान ठोस कूड़ा को कम करना है और साथ ही भविष्य के अंतरिक्ष मिशन की स्थिरता में जो कमी आ रही उसमें सुधार करना है.

NASA

अंतरिक्ष एजेंसी नासा चंद्रमा पर कचरे के रीसायकल के लिए एक नया तरीका खोज रही है. जिसमें वो चाहती है कि चंद्रमा पर लंबे मिशनों के दौरान कचरे को रीसायकल करने के लिए एक स्थाई समाधान निकाला जाए. नासा इसके लिए लूना रीसायकल चैलेंज नामक एक प्रतियोगिता शुरू करने को सोच रहा है जिसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर और दबाव वाले चंद्र आवासों के अंदर उपयोग के लिए रीसाइक्लिंग समाधानों के संरचना और विकास को प्रोत्साहित कर आगे बढाना है.

इस पहल का उद्देश्य

नासा के इस पहल का शुरु करने का सबसे बड़ा उद्देश्य आर्टेमिस कार्यक्रम के तहत जादे समय में चंद्र मिशनों के दौरान ठोस कूड़ा को कम करना है और साथ ही भविष्य के अंतरिक्ष मिशन की स्थिरता में जो कमी आ रही उसमें सुधार करना है. नासा इस नए कार्यक्रम के माध्यम से चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों के प्रभाव को कम करना चाहती है. नासा उन सामग्रियों के लिए रीसायकल पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो रीसायकल के लिए सबसे कठिन माने जाते हैं.

इसके लिए नासा आयोजित करेगी प्रतियोगिता

चंद्रमा पर कचरे के रीसायकल के लिए एक बेहतर ढंग से बनानें के लिए इसके लिए नासा एक प्रतियोगिता का आयोजित करेगी. लूना रीसायकल चैलेंज में 2 ​चरण होंगे, जिसमें एक ‘डिजिटल ट्विन’ चरण शामिल है. इसमें प्रतिभागियों को ऐसे सिस्टम का वर्चुअल मॉडल डिजाइन करना होगा, जो अधिक ठोस कचरे को रीसायकल कर सके और उससे एक या अधिक अंतिम उत्पाद बना सके. इसके अतिरिक्त, प्रोटोटाइप बिल्ड ट्रैक चंद्र सतह पर ठोस कचरे को रीसायकल करने में सक्षम हार्डवेयर को विकसित करने पर केंद्रित है. लूना रीसायकल चैलेंज के लिए कुल निधि 30 लाख डॉलर (लगभग 25 करोड़ रुपये) है

कब से होगा इस प्रतियोगिता के लिए आवेदन

लूना रीसायकल चैलेंज के लिए नासा की आधिकारिक वेबसाइट पर पहले चरण के लिए सितंबर में पंजीकरण शुरू करेगा, जिसमें 31 मार्च, 2025 तक की समय अवधि है. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरा होने के बाद मई में निर्णय शुरू होगा, जिसके बाद दूसरे चरण के नियमों के साथ विजेताओं की घोषणा की जाएगी. आने वाले समय में चंद्रमा पर बहुत अधिक मात्रा में कार्गो जाने की उम्मीद है, इसलिए रीसायकल की व्यवस्था भी बहुत जरूरी है.

 

-भारत एक्सप्रेस

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