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रमजान में Pakistan परेशान, महंगाई की मार के बीच चाय को तरसे पाकिस्तानी

Pakistan Sugar Crisis: पाकिस्तान में रमजान के दौरान चीनी की कीमतें 170-180 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं, जिससे आम जनता को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

Pakistan Sugar Crisis

पड़ोसी देश पाकिस्तान में महंगाई अपने चरम पर पहुंच चुकी है, जिससे आम जनता परेशान है. रमजान की शुरुआत में कराची सहित कई शहरों में राशन की कमी देखी गई, जबकि फल, सब्जी, मीट और अनाज की बढ़ती कीमतों ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दीं. अब चीनी की बढ़ती कीमतों ने जनता की परेशानी को और बढ़ा दिया है.

पाकिस्तान में चीनी की मांग और आपूर्ति में असंतुलन इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है. वर्तमान में खुदरा बाजार में चीनी 170-180 रुपये प्रति किलो बिक रही है, जिससे आम लोगों को चीनी खरीदने में मुश्किल हो रही है. रावलपिंडी और खैबर-पख्तूनख्वा जैसे इलाकों में चीनी को लेकर मारामारी तक शुरू हो गई है, जबकि रावलपिंडी के व्यापारियों ने हड़ताल की चेतावनी दी है.

सरकार की नीतियों को ठहराया जिम्मेदार

पाकिस्तान के चीनी व्यापारियों ने कीमतों में बढ़ोतरी के लिए सरकार की आयात-निर्यात नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है. व्यापारियों का कहना है कि सरकार ने उन्हें ऐसे हालात में डाल दिया है, जहां वे घाटे में कारोबार कर रहे हैं. उन्होंने बताया, “हम 163 रुपये प्रति किलो चीनी खरीदकर लाते हैं, लेकिन सरकार हमसे इसे 164 रुपये प्रति किलो बेचने की उम्मीद कर रही है. यह असंभव है.”

चीनी की बढ़ती खपत और संकट

पाकिस्तान के खाद्य विभाग के अनुसार, वर्ष 2024 में देश में कुल 603 टन चीनी की खपत हुई, जो 2023 की तुलना में 3 प्रतिशत अधिक है. यह तब हो रहा है जब पाकिस्तान में मधुमेह (डायबिटीज) के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. एक स्वास्थ्य रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में करीब 3 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, जो कुल आबादी का लगभग 26 प्रतिशत है. विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में पाकिस्तान डायबिटीज का प्रमुख केंद्र बन सकता है.

चीनी की कीमतों में उछाल क्यों?

पाकिस्तान में चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण आपूर्ति की कमी है. इस वर्ष देश में चीनी का उत्पादन 100 टन कम हुआ, जबकि रमजान के कारण मांग में तेज वृद्धि देखी गई. शुरू में शहबाज शरीफ सरकार ने इस संकट को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन जब स्थिति बिगड़ने लगी, तो खुदरा बाजार के लिए कीमत निर्धारित करने का फैसला लिया गया. सरकार का मानना है कि यदि चीनी की कालाबाजारी पर रोक लगाई जाए तो कीमतों में स्थिरता आ सकती है, लेकिन फिलहाल ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है.

सरकार का दावा: स्थिति नियंत्रण में

पाकिस्तान सरकार ने चीनी संकट को लेकर कहा कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. सरकार की एक रिपोर्ट में बताया गया कि देश में महंगाई दर पिछले वर्ष की तुलना में कम हुई है. वहीं, पाकिस्तानी वित्त मंत्री का कहना है कि यदि मौजूदा हालात इसी तरह बने रहे तो पाकिस्तान जल्द ही महंगाई पर नियंत्रण पा लेगा. हालांकि, जमीनी हकीकत यह है कि महंगाई और आपूर्ति की समस्या के कारण आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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-भारत एक्सप्रेस 



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