
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सऊदी अरब के रुख पर निशाना साधा है. हाल ही में सऊदी अरब ने कहा था कि जब तक फिलिस्तीन एक स्वतंत्र देश नहीं बनता, तबतक वह इजरायल को मान्यता नहीं देगा. इस पर नेतन्याहू ने जवाब दिया कि अगर सऊदी अरब सच में फिलिस्तीन का समर्थन करता है, तो वह अपनी जमीन पर ही एक फिलिस्तीनी राज्य क्यों नहीं बना लेता. उनके मुताबिक, सऊदी अरब के पास काफी जमीन है, जहां फिलिस्तीनियों को बसाया जा सकता है.
नेतन्याहू का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘गाजा प्लान’ पर बहस जारी है. वाशिंगटन दौरे के दौरान एक इंटरव्यू में नेतन्याहू ने कहा कि सऊदी अरब में एक फिलिस्तीनी राज्य बन सकता है, उनके पास वहां बहुत जमीन है. उनके इस बयान से इजरायल और सऊदी अरब के पहले से ही तनावपूर्ण संबंध और बिगड़ सकते हैं.
इस बीच, वाशिंगटन में एक होटल से जारी वीडियो संदेश में नेतन्याहू ने कहा कि ट्रंप के गाजा प्लान पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए. उन्होंने इसे एक नया और अहम प्रस्ताव बताया. नेतन्याहू पहले ही इस प्लान का समर्थन कर चुके हैं.
क्या है डोनाल्ड ट्रंप का गाजा प्लान?
डोनाल्ड ट्रंप ने 4 जनवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस प्लान का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि अमेरिका गाजा पट्टी का नियंत्रण अपने हाथ में लेगा और वहां के लोगों को किसी और जगह बसाया जाएगा. उन्होंने यह भी साफ किया था कि विस्थापन स्थायी होगा. हालांकि बाद में व्हाइट हाउस ने सफाई दी कि यह अस्थायी होगा.
ट्रंप के इस प्रस्ताव को फिलिस्तीनी नेताओं और दुनिया भर के देशों ने खारिज कर दिया. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति अपने फैसले पर कायम रहे. उन्होंने सोशल मीडिया पर फिर से कहा कि लड़ाई खत्म होने के बाद इजरायल गाजा को अमेरिका के हवाले कर देगा और वहां पुनर्निर्माण होगा. उन्होंने यह भी दावा किया कि इसके लिए अमेरिकी सैनिकों की जरूरत नहीं पड़ेगी.
7 अक्टूबर 2023 को हमास ने किया था हमला
7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर बड़ा हमला किया था, जिसमें करीब 1200 लोग मारे गए और 250 से ज्यादा को बंधक बना लिया गया. इसके जवाब में इजरायल ने गाजा पट्टी पर जबरदस्त सैन्य हमला किया. इस हमले में हजारों फिलिस्तीनी मारे गए और भारी तबाही हुई.
फिलहाल, एक युद्धविराम समझौते के तहत लड़ाई रुकी हुई है. इस समझौते के तहत हमास ने बंधकों को रिहा किया, जबकि इजरायल ने भी कुछ फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा. लेकिन हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं.
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-भारत एक्सप्रेस
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