बोइंग दुनिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस कंपनी है.
विमान निर्माण कंपनी बोइंग और एयरबस के कुछ विमानों में टाइटेनियम की नकली सामग्री के इस्तेमाल की बात सामने आने के बाद हड़कंप मच गया. एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि बोइंग और एयरबस ने विमानों के निर्माण के लिए चीन से जो टाइटेनियम सामग्री की खरीद की है, वह उड़ान के लिए तय मानकों को पूरा नहीं करते हैं. जिससे विमानों को खतरा है.
जांच के दौरान किए गए 1 हजार टेस्ट
रिपोर्ट में किए गए इन दावों के बाद यूएस फेडरल एविएशन एडमिनेस्ट्रेशन और स्परिट एयरोसिस्टम (दोनों कंपनियों का सप्लायर) मामले की जांच शुरू की थी. अब यूएस फेडरल एविएशन ने रिपोर्ट में कहा है कि बोइंग 737 मैक्स, 787 ड्रीमलाइनर और एयरबस ए220 जेट में इस्तेमाल किया गया टाइटेनियम विमानों के उड़ान के लिए तय सभी मानकों को पूरा करते हैं. इसके साथ ही नकली टाइटेनियम की सामग्री इस्तेमाल को लेकर पेश किए गए दस्तावेज नकली पाए गए हैं. जांच के दौरान करीब एक हजार टेस्ट किए गए, जिसमें पाया गया है कि सामग्री उड़ान के सभी मानकों को पूरा करते हैं.
बता दें कि बोइंग और एयरबस दोनों ही वैश्विक स्तर पर अग्रणी विमान निर्माता कंपनियों में शामिल हैं. ऐसे में उनके जेट विमानों में नकली सामग्री इस्तेमाल करने के आरोप लोगों में चिंता और चर्चा का विषय बन रहे थे.
इन विमानों में इस्तेमाल का दावा
न्यूयॉर्क टाइम्स ने बीते शुक्रवार को बताया था कि संदिग्ध टाइटेनियम का इस्तेमाल बोइंग के 737 मैक्स और 787 ड्रीमलाइनर जेट के हिस्सों में किया गया था, और 2019 और 2023 के बीच निर्मित एयरबस ए 220 मॉडल का इस्तेमाल किया गया था.
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FAA ने कहा कि बोइंग ने खुद खुलासा किया था कि वह एक वितरक के माध्यम से सामग्री खरीद रहा था. जिसने गलत या झूठे रिकॉर्ड प्रदान किए होंगे.
-भारत एक्सप्रेस
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