राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन.
रूस (Russia) ने शुक्रवार (30 अगस्त) को कहा कि उसे इस बात की चिंता नहीं है कि मंगोलिया (Mongolia) अगले सप्ताह अपने दौरे के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) को गिरफ्तार कर सकता है, जबकि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) ने कहा है कि क्रेमलिन नेता (पुतिन) को हिरासत में लेना सदस्य देश का ‘दायित्व’ है.
पुतिन मंगलवार (3 सितंबर) को मंगोलिया की यात्रा करेंगे. मार्च 2023 में यूक्रेनी बच्चों के अवैध निर्वासन पर हेग स्थित अदालत द्वारा उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किए जाने के बाद यह आईसीसी सदस्य (मंगोलिया) देश की उनकी पहली यात्रा है.
गिरफ्तारी वारंट पर चर्चा
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, ‘कोई चिंता की बात नहीं है, मंगोलिया के हमारे मित्रों के साथ हमारी अच्छी बातचीत चल रही है.’ यह पूछे जाने पर कि क्या मास्को ने पुतिन की यात्रा से पहले मंगोलिया के साथ गिरफ्तारी वारंट पर चर्चा की थी, उन्होंने कहा, ‘यात्रा के सभी पहलुओं को सावधानीपूर्वक तैयार किया गया था.’ रूस आईसीसी के अधिकार क्षेत्र को मान्यता नहीं देता है.
न्यायालय के प्रवक्ता फदी अल-अब्दुल्ला ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि जिन देशों ने न्यायालय को आधार प्रदान करने वाले रोम संविधि पर हस्ताक्षर किए हैं, उनका ‘सहयोग करने का दायित्व है.’
हालांकि, अगर मंगोलिया इसका पालन नहीं करता है तो अदालत कुछ नहीं कर सकती. यूक्रेन ने शुक्रवार को मंगोलिया से आग्रह किया कि जब वह (पुतिन) वहां जाएं तो वारंट को तामील कर दिया जाए. यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘यूक्रेनी पक्ष को उम्मीद है कि मंगोलिया सरकार इस तथ्य से अवगत है कि व्लादिमीर पुतिन एक युद्ध अपराधी हैं.’
ये भी पढ़ें: बांग्लादेश: शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान कैबिनेट में रहे 8 मंत्रियों समेत 6 सांसदों के देश छोड़ने पर लगा प्रतिबंध
रूस ने वारंट को खारिज किया
उन्होंने कहा, ‘हम मंगोलियाई अधिकारियों से बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट को निष्पादित करने और पुतिन को हेग में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में स्थानांतरित करने का आह्वान करते हैं.’ मंगोलियाई अधिकारियों ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
रूस ने मार्च 2023 में जारी ICC के वारंट को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि इसका कोई मतलब नहीं है, लेकिन पुतिन तब से आईसीसी के किसी सदस्य देश नहीं गए हैं. रूस ने यह भी कहा कि इस साल की शुरुआत में उसके सहयोगी आर्मेनिया का ICC में शामिल होने का मतलब है कि अगर पुतिन वहां जाते हैं तो उन्हें गिरफ्तार करना होगा, एक ‘अमित्र कदम’ था.
मंगोलिया को मजबूर नहीं कर सकता ICC
मंगोलिया दो दशकों से अधिक समय से ICC का सदस्य है, जिसने 2002 में रोम संविधि (Rome Statute) की पुष्टि की थी. पिछले साल न्यायालय में पहले मंगोलियाई न्यायाधीश चुने गए थे. संधि के तहत, ICC के 124 सदस्य देशों में से कोई भी देश अपने क्षेत्र में कदम रखने वाले व्यक्ति को, गिरफ्तार करने के लिए बाध्य है, जिसके खिलाफ वारंट जारी किया गया है.
हालांकि ICC के पास अपनी कोई पुलिस नहीं है और मंगोलिया को मजबूर करने या उसके बात न मानने पर उसे दंडित करने के लिए वह कुछ नहीं कर सकता. अगर मंगोलिया पुतिन को गिरफ्तार नहीं करना चाहती है, तो ICC के जज इस मामले की रिपोर्ट ICC के प्रबंध निकाय को दे सकते हैं, जिसे असेंबली ऑफ स्टेट्स पार्टीज कहा जाता है, जिसकी साल में एक बार बैठक होती है.
अतीत में इस तरह के रेफरल को सीमित सफलता मिली है, असेंबली के विकल्प मुख्य रूप से गलत काम करने वाले राज्यों के खिलाफ मौखिक प्रतिबंधों तक ही सीमित थे. 2002 से जारी किए गए 49 गिरफ्तारी वारंटों में से केवल 21 में ही हिरासत में लिया गया और अदालत में पेश किया गया.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.