एस. जयशंकर, विदेश मंत्री
Israel Hamas War: इजरायल और हमास के बीच बीते 7 अक्टूबर से जंग जारी है. हमास के इजरायल पर 5000 रॉकेट दागने के बाद इजरायल ने जवाबी हमला कर दिया है. हमास के हमले में बड़ी संख्या में इजरायली मारे गए. हमास ने 200 से अधिक इजरायली लोगों को बंधक भी बना रखा है, जिनमें बच्चे और महिलाएं बड़ी संख्या में हैं. अब इजरायल गाजा में ताबड़तोड़ हमले कर रहा है जिसमें हजारों लोग मारे जा चुके हैं. वहीं इस युद्ध को लेकर दुनिया दो खेमों में बंट गई है. एक तरफ, अमेरिका ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देश इजरायल के साथ हैं. जबकि दूसरी तरफ, अधिकांश इस्लामिक देश फिलिस्तीन के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. इस बीच भारत ने इजरायल-हमास जंग पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने बयान में आतंकवाद को नकारते हुए कहा है कि इसे कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता है. वहीं उन्होंने फिलिस्तीन की समस्या के हल के लिए टू-स्टेट सॉल्यूशन के विकल्प की बात भी कही.
7 अक्टूबर की घटना आतंकवाद कृत्य- भारत के विदेश मंत्री
रोम में आयोजित सीनेट की विदेशी मामलों और रक्षा आयोग की ज्वाइंट सेक्रेटरी सत्र के दौरान एस जयशंकर ने कहा कि 7 अक्टूबर को जो कुछ हुआ, वह आतंकवाद का बड़ा कृत्य है और उसके बाद जो चीजें हुई हैं, वह पूरे क्षेत्र को अलग दिशा में ले गई हैं. उन्होंने कहा कि हमें आतंकवाद स्वीकार्य नहीं है और इसके खिलाफ खड़ा होना होगा, लेकिन फिलिस्तीन का भी एक मुद्दा है.
फिलिस्तीन के लोगों की भी हैं समस्याएं- जयशंकर
एस जयशंकर ने फिलिस्तीन की समस्या का जिक्र करते हुए कहा कि हमारा मानना है कि टू-स्टेट सॉल्यूशन ही इसका समाधान है. भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि संघर्ष और आतंकवाद से आप समस्याओं का समाधान नहीं निकाल सकते हैं. उन्होंने कहा कि आतंकवाद अगर अस्वीकार्य है तो इसके खिलाफ खड़ा होगा. लेकिन फिलिस्तीन के लोगों की समस्याओं का हल भी निकाला जाना चाहिए. जयशंकर ने कहा कि किसी भी स्थिति में सही संतुलन न होना बुद्धिमानी नहीं है.
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अमेरिका भी कर चुका है युद्धविराम की अपील
बता दें कि इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के बाद फिलिस्तीन के लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं. उनके पास खाने की चीजों, दवाइयों, बिजली-पानी की दिक्कत भी है. ये देखते हुए बार-बार युद्धविराम की बात कही जा रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी अपील करते हुए कहा है कि फिलिस्तीन के लोगों की मदद के लिए कुछ देर के लिए ही सही, युद्धविराम होना चाहिए.
-भारत एक्सप्रेस