सांकेतिक फोटो-सोशल मीडिया
Yamuna Expressway News: अब यमुना एक्सप्रेस वे पर तेज स्पीड से वाहन नहीं चला सकेंगे. 15 दिसम्बर से वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए नई स्पीड लिमिट जारी हो जाएगी. इसकी वजह है सर्दी. दरअसल सर्दियों में कोहरे के कारण यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसे की सम्भावना बढ़ जाती है. इसी को देखते हुए को गति सीमा को घटाए जाने का निर्णय लिया गया है.
इसको लेकर 15 दिसंबर से 15 फरवरी तक एक्सप्रेस वे पर हल्के व भारी वाहनों के लिए गति सीमा को कम करने का फैसला किया गया है और हल्के वाहनों की अधिकतम गति सीमा 80 किमी प्रति घंटा और भारी वाहनों के लिए साठ किमी प्रति घंटा निर्धारित करने को लेकर योजना तैयार की जा रही है. खबरों के मुताबिक, पिछले वर्ष की अपेक्षा इस साल एक्सप्रेस वे पर जनवरी से अक्टूबर के बीच हादसे में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. इसी के बाद ये फैसला किया गया है. जहां पिछले साल दस महीने के दौरान 262 हादसे हुए थे, तो वहीं इस वर्ष अक्टूबर तक हादसों की संख्या 341 पहुंच गई है. हादसे में कमी लाने के लिए ही प्राधिकरण की ओर से ये निर्णय लिया गया है.
प्राधिकरण ने दिए ये निर्देश
बता दें कि ग्रेटर नोएडा से आगरा तक 165 किमी लंबे यमुना एक्सप्रेस वे पर हल्के वाहनों के लिए प्राधिकरण ने अधिकतम गति सीमा सौ किमी प्रति घंटा निर्धारित की है, लेकिन इस गति की सीमा को सौ से घटाकर सर्दी के मौसम में अस्सी किमी प्रति घंटा कर दिया जाता है. तो वहीं मीडिया सूत्रों के मुताबिक, इस बार भी प्राधिकरण गति सीमा में बदलाव करने की योजना बना रहा है. इसके लिए प्राधिकरण ने एक्सप्रेस वे का संचालन करने वाली कंपनी को जरूरी तैयारी करने के निर्देश दे दिए हैं. इसी के साथ एक्सप्रेस वे पर कोहरे व मौसम की जानकारी देने वाले साइनेज, गति की जानकारी देने वाले बोर्ड लगाने के निर्देश भी प्राधिकरण द्वारा दिया गया है. तो वहीं वाहन चालकों को जागरुक करने के लिए टोल प्लाजा पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम, पैंफ्लेट की व्यवस्था आदि के भी निर्देश दिए गए हैं. दुर्घटना संभावित क्षेत्र व तीव्र मोड़ की पेंटिंग को ठीक करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
दिल्ली आईआईटी से कराया गया है सुरक्षा ऑडिट
बता दें कि यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसों को कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सड़क सुरक्षा समिति के निर्देश पर आईआईटी दिल्ली से यमुना एक्सप्रेस वे का सुरक्षा आडिट कराया गया था. इसके बाद आईआईटी द्वारा दिए गए सुझावों में अधिकतर को लागू किया जा चुका है. बता दें कि आईआईटी ने जो सुझाव दिए थे, उसमें दोनों सड़कों के बीच की जगह के दोनों ओर क्रैश बीम बैरियर लगाने का सुझाव अहम माना गया था. इसी के बाद ग्रेटर नोएडा से आगरा तक क्रैश बीम बैरियर लगाए जाने का काम पूरा किया गया था. एक्सप्रेस वे पर तमाम सुरक्षा के इंतजाम करने के बावजूद भी पिछले साल के सापेक्ष इस साल के शुरुआती दस महीने के अंदर ही हादसे में काफी वृद्धि हुई है. जहां पिछले साल जनवरी से अक्टूबर के बीच 262 हादसे हुए थे, तो वहीं इस साल अक्टूबर तक 341 हादसे हो चुके हैं. हालांकि हादसों के दौरान इस बार मौत का आंकड़ा पिछले वर्ष की अपेक्षा इस साल कम रहा है. जहां पिछले साल अक्टूबर तक 91 मौतें हुई थी तो वहीं इस साल 80 लोगों की जान गई है.
कंपनी को दिए गए निर्देश
इसको लेकर यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने कहा है कि, सर्दियों में यमुना एक्सप्रेस वे पर कोहरे के कारण हादसों को लेकर सम्भावना अधिक बढ़ जाती है. इसी को देखते हुए वाहनों की गति को कम करने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए एक्सप्रेस वे का संचालन कर रही कंपनी को तैयारी के लिए निर्देश दे दिए गए हैं.
चार सालों में एक्सप्रेस वे पर गई इतने लोगों की जान
साल 2020 में कुल 509 हादसे हुए जिसमें 128 मौतें और 1013 लोग घायल हुए तो इसी तरह 2021 में 420 हादसे हुए और 135 मौते हुईं व 949 लोग घायल हुए. वहीं साल 2022 में 310 हादसे हुए, जिसमें 105 लोगों की जान गई और 775 लोग घायल हुए हैं तो वहीं साल 2023 के अक्टूबर तक के आंकड़े के मुताबिक, 341 हादसे हुए और 80 लोगों की मौत हुई व 596 लोग घायल हुए.
-भारत एक्सप्रेस
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