मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए सेना ने संभाला मोर्चा
Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने का काम तेजी के साथ किया जा रहा है, रेस्क्यू की कई टीमें दिन-रात लगी हुई हैं, लेकिन उसके बाद भी सफलता नहीं मिल रही है. मंजदूरों को अंदर फंसे हुए आज 16 दिन हो चुके हैं. अब मजदूरों को निकालने के लिए अलग-अलग मोर्चे पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. जिसमें सेना को भी बुलाया गया है. इससे पहले अमेरिका से लाई गई ऑगर मशीन ड्रिलिंग का काम कर रही थी, लेकिन ड्रिलिंग में कई तरह की दिक्कतें आ रही थीं. जिसके बाद अब मैनुअल तरीके से भी मलबे को हटाने का काम शुरू किया जा रहा है.
आर्मी को रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बुलाया गया
इंडियन ऑर्मी मैनुअल ड्रिलिंग के जरिए मजदूरों तक पहुंचने के लिए रास्ता तैयार करेगी. इससे पहले ऑगर मशीन की ब्लेड और शॉफ्ट को निकाला जाएगा. इन टुकड़ों को काफी सावधानी के साथ निकाला जाएगा. अगर इन्हें निकालने में थोड़ी भी लापरवाही हुई तो अंगर डाली गई पाइप भी टूट सकती है. उत्तराखंड सरकार के सचिन और नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने कहा कि पाइप के भीतर अबी भी ऑगर का 13.09 मीटर हिस्सा बचा हुआ है. जिसे काटकर निकाला जाएगा.
दो प्लान पर हो रहा काम
सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अब दो प्लान पर काम हो रहा है. एक तरफ सेना मलबे को हाथ से हटाने का काम करेगी, दूसरी तरफ प्लान बी के तहत वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है. जिसके जरिए मजदूरों तक पहुंचा जा सके. मशीनों को पहाड़ी के ऊपर ले जाने के लिए बीआरओ ने करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया है. जिसके बाद ड्रिल मशीनों को जेसीबी के जरिए वहां तक पहुंचाया गया है. वर्टिकल ड्रिलिंग के जरिए अब तक 20 मीटर की खुदाई की जा चुकी है. अभी फिलहाल कितना वक्त लगेगा इसके बारे में कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आ सकी है. टनल में 12 नवंबर को मजदूर सुरंग में फंस गए थे.
-भारत एक्सप्रेस
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