India-China Border Dispute: पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के बीच रेचिन ला पर्वत दर्रे पर चीन की सेना द्वारा टैंक और सैनिकों को लेकर भारतीय सेना के साथ विवाद पर तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (M.M. Narvane) ने बड़ा बयान दिया है. पूर्व सेना प्रमुख ने कहा है कि वर्ष 2020 के अगस्त माह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने तनावपूर्ण स्थिति के बाद मुझसे कहा था कि ‘जो उचित समझो वह करो’. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने इस मामले में उन्हें मन मुताबिक डिसीजन लेने की छूट दे दी है.
‘फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी’ में एमएम नरवणे ने चीन-भारत की सेना के बीच हुए तनाव स्थिति पर उस रात रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और रक्षा कर्मचारियों के प्रमुख के बीच हुई बातचीत का भी जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ फोन पर बातचीत के बाद दिमाग में कई अलग-अलग विचार दौड़ रहे थे। नरवणे ने लिखा कि मैंने रक्षा मंत्री को स्थिति की गंभीरता की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने कहा कि उस दौरान पीएम से भी बात की थी। उन्होंने कहा था कि यह पूरी तरह से एक सैन्य निर्णय है, ‘जो उचित समझो वो करो.
रक्षा मंत्री ने दी थी स्वतंत्रता
इसके साथ ही मनोज मुंकुंद नरवणे ने कहा है कि मुझे अपनी इच्छानुसार कार्य करने की पूर्ण स्वतंत्रता के साथ एक गर्म आलू दिया गया था. इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से थी. उस दिन को याद करते हुए उन्होंने लिखा कि इसके बाद मैंने एक गहरी सांस ली और कुछ मिनटों के लिए चुपचाप बैठा रहा. दीवार घड़ी की टिक-टिक को छोड़कर सब कुछ शांत था.
सुनाई उस दौरान की दास्तां
पूर्व आर्मी प्रमुख ने कहा है कि मैं आर्मी हाउस में था, एक दीवार पर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का नक्शा था, दूसरी दीवार पर पूर्वी कमान का। वे अचिह्नित नक्शे थे, लेकिन जैसे ही मैंने उन्हें देखा, मैं प्रत्येक इकाई के स्थान की कल्पना कर सकता था. हम हर तरह से तैयार थे, लेकिन क्या मैं वास्तव में युद्ध शुरू करना चाहता था? ये सवाल मन में था. बता दें ‘फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी’ में जनरल नरवणे उस रात की घटना को लेकर मन में आए विचारों का जिक्र किया.
-भारत एक्सप्रेस
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