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रामलला की प्राणप्रतिष्ठा से पहले कर्नाटक में ‘राम भक्त’ की गिरफ्तारी पर भड़की बीजेपी, जानें कौन है वो शख्स

1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हुए दंगों में श्रीकांत पुजारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

आज से करीब 31 साल पहले 1992 में दर्ज एक मामले में बीते रविवार को कर्नाटक के हुबली के कारीगर श्रीकांत पुजारी (51) को गिरफ्तार कर लिया गया.
1992 के इस मामले ने 2024 में राजनीतिक तूफान ला दिया है. वहीं प्रदेश बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया है कि इसका मकसद दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं को धमकाना है.

1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हुए दंगों में श्रीकांत पुजारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. वहीं इस मामले के अलावा भी उनके खिलाउ कई अन्य मामले दर्ज किए किए गए हैं. 5 दिसंबर, 1992 को हुबली में एक दुकान में आग लगाने का आरोप है. इस मामले को लेकर श्रीकांत पुजारी को हुबली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. फिलहाल वे अदालत की निगरानी में हैं. पुजारी पर पिछले 31 सालों में 16 मामले दर्ज किए गए है.

ज्यादातर मामले हुबली पुलिस स्टेशन में दर्ज

ये सभी मामले 1992 से 2018 के बीच दर्ज किये गए हैं. इनमें उनके उपर शराब की अवैध बिक्री में शामिल होने का आरोप है. से ज्यादातर मामले पुराने हुबली पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए हैं. ये सभी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामले हैं. वहीं उनकी एक बार फिर से गिरफ्तारी की हिंदू संगठनों ने मौजूदा कांग्रेस सरकार की निंदा की है. वहीं अब इस मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है.

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मामला काफी समय से लंबित था- कांग्रेस नेता

1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हुए दंगों में कथित संलिप्तता के लिए कर्नाटक के हुबली में एक व्यक्ति की गिरफ्तारी पर, कांग्रेस नेता जगदीश शेट्टार कहते हैं, “यह 30 साल पुराना मामला है और यहां तक ​​कि बीजेपी ने राज्य में इतने सालों तक शासन किया, मुझे लगता है कि 7 -8 साल लेकिन उस समय उन्होंने हिंदू कार्यकर्ताओं के खिलाफ इन सभी मामलों को वापस लेने के बारे में क्यों नहीं सोचा. यह (मामला) जानबूझकर उत्पीड़न के उद्देश्य से नहीं खोला गया है. मामला काफी समय से लंबित था, इसलिए होना ही चाहिए अदालत से भी कुछ निर्देश लें. पुलिस ने सभी पहलुओं को देखने के बाद कार्रवाई की.”

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