श्रीराम मंदिर में जारी है अनुष्ठान
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या के भव्य श्रीराम मंदिर में बस कुछ ही घंटों बाद रामलला अपने जन्म स्थान पर विराजमान हो जाएंगे. इसी के साथ ही 500 सालों का राम भक्तों का इंतजार खत्म हो जाएगा. इस पूरे कार्यक्रम को लेकर आम जनमानस से लेकर साधू-संतो, सेलिब्रेटी में भी उत्साह का माहौल दिखाई दे रहा है. श्रीकृष्ण जन्म भूमि से आए संत और अयोध्या में जूना अखाड़ा लगातार रामचरितमानस की चौपाइयां पढ़ रहा है तो वहीं अयोध्या के हर मंदिर और मठ में लगातार राम जी के भजन, रामायण, सुंदरकांड का पाठ जारी है. हर आयुवर्ग के लोग उत्साह से भरे दिखाई दे रहे हैं. इसी के साथ ही प्रदेश भर के मंदिरों में भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा का उत्सव मनाया जा रहा है. अयोध्या के घरों से लेकर प्रदेश भर के हर सनातनी के घर पर भगवा ध्वज लहरा रहा है और लोग खुशी से झूम रहे हैं.
तो दूसरी ओर अयोध्या नगरी अपने रामलला के स्वागत के लिए पूरी तरह से सज-धज कर तैयार हो गई है. विदेश से आए फूलों से सजा मंदिर और अयोध्या नगरी महक उठी है. हर गली और चौराहे पर सिर्फ राम के भजन गूंज रहे हैं. तो वहीं कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच राम भक्त अपने रामलला के आने का इंतजार कर रहे हैं. पूरे शहर की चारो ओर से नाकाबंदी कर दी गई है. बाहर से आने वालों की एंट्री बंद कर दी गई है. अब सिर्फ अयोध्या में उनको ही प्रवेश मिल रहा है, जिनको मंदिर ट्रस्ट की ओर से निमंत्रण मिला था. कोई ढोल के साथ भगवान राम का इंतजार कर रहा है तो कोई मंजीरा बजाकर राम जी का भजन जप रहा है. राम की धुन से पूरी अयोध्या गूंज रही है.
इस रास्ते अयोध्या में होगी एंट्री
बता दें कि आज रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होने के बाद कल से यानी 23 जनवरी से मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे और भक्त अपने रामलला के दर्शन कर सकेंगे. अगर भक्त लखनऊ-गोरखपुर हाइवे के रास्ते अयोध्या में प्रवेश करेंगे तो सरयू पुल से पहले जो मार्ग मिलेगा उससे आना होगा, इसका नाम धर्मपथ है. तो वहीं इसी रास्ते से अयोध्या मे प्रवेश मिलेगा. इसके बाद करीब 2 किलोमीटर यात्रा करने के बाद लता मंगेशकर चौक मिलेगा, जिसे नया घाट कहा जाता है. तो वही इसके ठीक बिल्कुल ही सामने राम की पैड़ी है और इसके किनारे मंदिरों की लम्बी श्रृंखला भी देखने को मिलती है. तो वहीं राम की पैड़ी के किनारे दर्शनार्थियों को अति प्राचीन और प्रतिष्ठित नागेश्वर नाथ का मंदिर है. यहां पर भक्त भोले बाबा के दर्शन कर सकते हैं. तो वहीं लता मंगेशकर चौक के पास ही अयोध्या की राजकुमारी का पार्क भी है जो कि लोगों को लुभाता है. इनको दक्षिण कोरिया में रानी के नाम से जाना जाता है. जानकार बताते हैं कि राजकुमारी का पार्क इसी नाम से जाना जाता है. उनकी शादी दक्षिण कोरिया में कर्क वंश के राजकुमार के साथ हुई थी. वर्तमान में एक बड़ी आबादी दक्षिण कोरिया में इसी वंश की है.
इस तरह पहुंचे राम मंदिर तक
तो वहीं लता मंगेशकर चौक से बाईं तरफ मुड़ते ही श्री राम पथ आ जाएगा . जो करीब 14 किलोमीटर लंबा है और सीधे आगे जाकर सहादतगंज बायपास के पास लखनऊ गोरखपु हाइवे से जुड़ जाता है. तो वहीं लता मंगेशकर चौक से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर हनुमानगढ़ी मंदिर मिलेगा, जिसके भी दर्शन कर सकेंगे. बाबा हनुमान को अयोध्या का सेनापति और राजा दोनों माना जाता है. फिर हनुमानगढ़ी के बगल में ही दशरथ महल और कनक भवन मंदिर भी स्थित है. यहां पर भी राम भक्त दर्शन कर सकते हैं. बता दें कि, कनक भवन मंदिर के बारे में मान्यता है कि माता सीता को कैकई ने मुंह दिखाई में यह सोने का महल दिया था. तो भक्त श्री राम जन्मभूमि मंदिर जाने के लिए दशरथ महल के पास से भी रास्ता है जो कि हनुमानगढ़ी के रास्ते बाहर निकलकर राम पथ की ओर जाता है और यहां के जरिए भी राम भक्त श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य मार्ग पर पहुंच सकते हैं.
मार्ग में मिलेगी ये सुविधा
बता दें कि, जन्मभूमि पथ से प्रवेश करते ही श्रद्धालुओं को बाएं तरफ मंदिर ट्रस्ट सुविधा केंद्र मिलेगा, जहां सामान रखने के लिए मुफ्त लॉकर , स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी. अगर कोई श्रद्धालु चलने में असुविधा महसूस कर रहा है तो सहायक की मदद से उसे पहुंचाने की भी व्यवस्था है. यहीं पर मंदिर में दोपहर और सायंकाल आरती का पास भी मिल जाता है.
-भारत एक्सप्रेस
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