पीएम मोदी को चरणामृत पिलाते गोविंद देव गिरि महाराज.
Govind Dev Giri Compare Pm Modi To Shivaji Maharaj: अयोध्या में 500 साल के बाद भगवान राम का वनवास समाप्त हो गया. श्रीराम टेंट से फिर एक बार अपने महल में लौट आए हैं. श्रीराम त्रेता युग में 14 वर्ष के लिए वनवास गए थे. वहीं कलयुग में लगभग 500 वर्षों तक वे बिना महल के रहे. ऐसे में वीएचपी, संघ और बीजेपी के 134 वर्षों के संघर्ष के बाद आखिरकार आज भव्य और दिव्य राम मंदिर का सपना पूरा हो गया.
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी 12 जनवरी से अनुष्ठान पर थे. प्राण प्रतिष्ठा के बाद स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज के हाथों चरणामृत ग्रहण कर पीएम मोदी ने 11 दिनों का उपवास पूरा किया.
प्राण प्रतिष्ठा के बाद संबोधन कार्यक्रम के दौरान गोविंद देव गिरि महाराज ने कहा कि पीएम मोदी का तप छत्रपति शिवाजी महाराज के समान ही है. निर्मोही अखाड़े के संत गोविंद देव गिरि महाराज ने कहा रामलला की प्रतिष्ठा के बाद विश्व के अलौकिक होने का पर्व शुरू हो चुका है. उन्होंने कहा कि यह एक मंदिर में प्रतिष्ठा का पर्व नहीं है, बल्कि यह आत्समम्मान और स्वाभिमान से प्रतिष्ठित होने का पर्व है. इस दौरान उन्होंने कहा कि हर कालखंड में एक महान हस्ती का आगमन होता हैं. ऐसे में परिवर्तन की लाज रखने को पीएम नरेंद्र मोदी ने बड़ी भूमिका निभाई है.
हमें उनका तप शिवाजी महाराज की याद दिलाता है
गोविंद देव महाराज ने कहा कि यह देश ही नहीं बल्कि विश्व का भी सौभाग्य है जिन्हें पीएम मोदी जैसा राजर्षि प्राप्त हुआ है. गोविंद देव गिरि ने कहा कि 20 दिन पहले हमें जानकारी मिली थी कि प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए पीएम मोदी आएंगे. इसके लिए उन्होंने स्वयं को सिद्ध करने की बात भी कही थी.
हमसे उन्होंने अनुष्ठान में शामिल होने के लिए नियमावली की मांगी की. हमें उनका तप छत्रपति शिवाजी महाराज की याद दिलाता है. उन्होंने राज्य की सत्ता के साथ स्वयं को भी साधा है. ऐसे में हमें उनका तप उस राजा की याद दिलाता है.
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