किसान प्रदर्शन
Farmers Protest: हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. सरकार के साथ चौथे दौर की हुई बैठक भी बेनतीजा रही. अब किसान दिल्ली चलो नारे के साथ फिर से आंदोलन को तेज करने की तैयारी कर रहे हैं. इस बात की जानकारी किसान संगठनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दी.
केंद्रीय मंत्रियों के साथ हुई थी किसानों की बैठक
केंद्र के साथ चौथे दौर की बैठक के बाद किसानों ने कहा था कि इन प्रस्तावों पर विचार करके बताया जाएगा. उसके बाद आगे की रणनीति बनेगी. केंद्र सरकार के साथ किसान संगठनों की चौथे दौर की बैठक चंडीगढ़ में हुई थी. जिसमें किसानों के प्रतिनिधि केंद्र सरकार के तीन मंत्रियों के साथ बैठक की थी. इस बैठक में सरकार की ओर से केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय शामिल हुए थे.
सरकार की ओर से किसानों को दिया गया था प्रस्ताव
सरकार ने किसानों को बैठक में प्रस्ताव दिया था कि सरकार चार फसलों पर 5 साल के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी देगी. इसके साथ ही इसके साथ ही कहा था कि एक पोर्ट बनाया जाएगा, जो खरीद की निगरानी करेगा. किसानों के साथ फसलों की खरीद करने वाली समितियां अनुबंध करेंगी. खरीद की कोई सीमा या फिर तय समय नहीं होगा.
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आंदोलन तेज करने की दी धमकी
अब किसानों ने कहा है कि जबतक सभी फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी और अन्य मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, किसान आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे. किसानों का कहना है कि सभी 23 फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी, किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमे के अलावा किसानों का कर्जा माफ किया जाए. एमएसपी से सरकार पर कोई अतिरिक्त बोझ न पड़ने की बात भी किसान कह रहे हैं. किसान आंदोलन में शामिल संगठनों ने केंद्र सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि हमें सरकार का प्रस्ताव मंजूर नहीं है.
23 फसलों पर एमएसपी लागू करने की मांग
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि केंद्र सरकार पूरे देश की 23 फसलों पर एमएसपी लागू करे. उन्होंने कहा कि ये प्रस्ताव किसानों के हित में नहीं है, इसलिए इस प्रस्ताव को किसानों की सहमति से खारिज किया जाता है. पंढेर ने आगे कहा कि सरकार की नीयत में खोट है. किसानों को एमएसपी पर कानूनी गारंटी चाहिए. इसके साथ ही किसानों ने कहा है कि 21 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे.
-भारत एक्सप्रेस
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