जरदारी दूसरी बार राष्ट्रपति बनने वाले पाक के पहले व्यक्ति हैं. उनकी पत्नी बेनजीर भुट्टो भी 2 बार प्रधानमंत्री बनने वाली पाक की पहली महिला थीं.
अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद भारत के बंटवारे से अस्तित्व में आए इस्लामिक मुल्क पाकिस्तान को आज नया राष्ट्रपति मिल गया. आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति बन गए हैं. चुनाव में जरदारी ने इमरान खान के करीबी महमूद खान अचकजई को 230 वोटों से हराया.
पाकिस्तानी अखबार ‘द डॉन’ के अनुसार, राष्ट्रपति पद के चुनाव में जरदारी को 411 वोट मिले, जबकि अचकजई सिर्फ 118 वोट हासिल कर पाए. आसिफ अली जरदारी बिलावल भुट्टो के पिता हैं. आसिफ अली जरदारी की पत्नी बेनजीर भुट्टो थीं, जो पाकिस्तान की प्रधानमंत्री थीं. 27 दिसंबर 2007 की रात को बेनजीर (54 साल) की हत्या कर दी गई थी. पत्नी की हत्या की सूचना मिलने पर जरदारी विदेश से पाकिस्तान लौटे थे.
पाक में PPP और PML-N गठबंधन की सरकार
आसिफ अली जरदारी को नवाज की पार्टी PML-N और बिलावल की पार्टी PPP ने मिलकर पाकिस्तानी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था. यानी जरदारी पीपीपी-पीएमएल-एन गठबंधन की सरकार (PPP-PML-N coalition government) के संयुक्त उम्मीदवार थे. उनको 5 पार्टियों का समर्थन मिला. जिनमें एक उनकी पार्टी PPP और नेशनल असेंबली में नवाज की पार्टी PML-N और 3 अन्य पार्टियां MQM-P, BAP, IPP का समर्थन मिला.
2008 से 2013 तक पहले भी राष्ट्रपति रहे जरदारी
जरदारी साल 2008 में भी पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने थे. उन्होंने 6 सितंबर 2008 से वर्ष 2013 तक पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति के रूप में काम किया था, जो वहां के राष्ट्रपति कार्यालय में पूर्ण कार्यकाल पूरा करने वाले पहले व्यक्ति थे. जरदारी ने 8 सितंबर 2013 को अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था, उस दिन वह पाकिस्तान के 66 साल लंबे इतिहास में अपना कार्यकाल पूरा करने वाले पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति कहे गए. ऐवान-ए-सद्र से निकलते समय उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर मिला. जरदारी के बाद ममनून हुसैन पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने थे.
भ्रष्टाचार, बैंक फ्रॉड, किडनैपिंग के आरोपों में हुई थी जेल
वर्ष 2019 में जरदारी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इस्लामाबाद में गिरफ्तार किया गया था. अगस्त 2020 में पाकिस्तान की एक भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दोषी ठहराया था. उन्हें कई साल जेल में बिताने पड़े. भ्रष्टाचार, बैंक फ्रॉड, किडनैपिंग और हत्या के आरोपों में जरदारी ने करीब साढ़े 8 साल जेल की सजा काटी है.
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