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अगर आप हैं नाॅन वेज के शौकीन, तो महंगे चिकन की जगह खाएं अजगर का मांस! पढ़ें वैज्ञानिकों की अजब-गजब दलीलें

Eat python meat instead expensive chicken: ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने मांसाहारी के विकल्प के तौर पर लोगों को अजगर खाने की सलाह दी है. इससे जुड़ी रिसर्च की अजग-गजब दलीलें सामने आई है.

Eat python meat instead expensive chicken

भविष्य में अजगर बन सकता है मांस का नया विकल्प.

Eat python meat instead expensive chicken: मनुष्य के लिए बढ़िया से बढ़िया भोजन क्या हो सकता है. इसको लेकर डाइटिशियन के अलग-अलग मत है. वहीं उसके उत्पादन को लेकर भी अलग-अलग धारणाएं है जैसे उसका उत्पादन कितना हो सकता है, हर जगह पैदा किया जा सकता है या नहीं. इससे पर्यावरण को कितना नुकसान पहुंचता है. इसे ज्यादा मात्रा में पैदा किया जा सकता है या नहीं. ऐसे कई सवाल है जिनके जवाब मनुष्यों की भोजन की निर्भरता के आधार पर तय होता है.

ऐसे में वैज्ञानिकों की पड़ताल में सामने आया है कि मांसाहारी अपने भोजन में अजगर का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसे भोजन के तौर पर शामिल करने के बारे में गंभीरता से विचार किया जा रहा है. वैज्ञानिकों की एक टीम ने अजगर की व्यावसायिक पालन और उससे पर्यावरण को होने वाले नुकसान की पड़ताल की. ऐसे में इस अध्ययन के चैंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं.

अन्य जीवों की तुलना में अजगर की फार्मिंग सस्ती

वैज्ञानिकों की पड़ताल में सामने आया कि अजगर तेजी से बढ़ते हैं. ऐसा तब भी लगातार होता है जब वे भूखे रहते हैं. वे जितना खाते हैं उससे दोगुना बढ़ते हैं. ऐसे में ये अन्य मासांहारी जीवों जैसे मुर्गियों और मछली की तुलना में ज्यादा सही है. वैज्ञानिकों की मानें तो अजगर को भोजन के रूप में चुनने के कई फायदे हैं. अजगर के भूखे रहने के बावजूद उनका लगातार बढ़ना उसकी सबसे बड़ी खूबी है. ऐसे में अजगर की खेती के दौरान होने वाले खाद्य संकट से निपटा जा सकता है.

Sussex Hen Harvesting Eggs to Chicks | Murgi Chicks with Black Color  Kadaknadh Breed / Fish cutting - YouTube

वैज्ञानिकों ने थाइलैंड-वियतनाम में किया शोध

जानकारी के अनुसार ऑस्ट्रेलिया की मैक्वायर विवि के विज्ञानी डेनियल नेटश और उनकी टीम ने वियतनाम और थाइलैंड के फार्म में 12 महीने तक पाली हुई अजगर की दो प्रजातियों का अध्ययन किया. इस दौरान कई रोचक खुलासे हुए. शोधकर्ताओं ने मांसाहारियों द्वारा खाए गए मांस और उत्पादन का अनुपात निकाला जिसमें कम संख्या में अच्छा उत्पादन होता है. हालांकि इस बीच यह भी एक बडा़ मुद्दा है कि क्या हमें मांस खाना चाहिए या नहीं. इसके अलावा जीभ का स्वाद भी एक बड़ा मुद्दा है. ऐसे में इस पर बड़े रिसर्च की जरूरत है.

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