Tiktok Ban in Taiwan: चीन के शॉर्ट वीडियो रील मेकिंग ऐप TikTok को लेकर विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. भारत सरकार ने इस ऐप को साल 2020 में ही बैन कर दिया था. अमेरिका में भी इस पर प्रतिबंध लगाने को लेकर बहस शुरू हो गई है. बीते 13 मार्च को संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिनिधि सभा चीन के इस ऐप पर प्रतिबंध लगाने के उद्देश्य से एक विधेयक लेकर आई थी. इसके पक्ष में 352 और विपक्ष में 65 वोटों से पड़े थे. यह विधयेक अब अमेरिकी सीनेट में जाएगा, जिसके बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए ह्वाइट हाउस भेजा जाएगा.
ताइवान ने कहा है कि टिकटॉक एक बहुत खतरनाक उत्पाद है, जो देश की राष्ट्रीय सूचना और संचार सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है. सेंट्रल न्यूज एजेंसी ताइवान ने बताया कि ताइवान के डिजिटल मामलों के मंत्री ऑड्रे टैंग ने चीन स्थित कंपनी के स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक को एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा घोषित किया है.
सुरक्षा के दृष्टि से ताइवान के लिए खतरा
टैंग ने इस बात पर जोर दिया कि मंच TikTok का विदेशी विरोधियों के साथ जुड़ाव संयुक्त राज्य अमेरिका के दृष्टिकोण से मेल खाता है, जो टिकटॉक को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संभावित खतरा मानता है. हाल ही में एक विधायी सुनवाई में टैंग ने कहा, ‘ताइवान ने टिकटॉक को एक खतरनाक उत्पाद के रूप में वर्गीकृत किया है.’
उन्होंने बताया कि विदेशी विरोधियों द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रण के लिए अतिसंवेदनशील कोई भी उत्पाद, ताइवान के मानकों के अनुसार राष्ट्रीय सूचना और संचार सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है, जैसा कि सेंट्रल न्यूज एजेंसी ताइवान द्वारा रिपोर्ट किया गया है.
सरकारी एजेंसियों में TikTok का इस्तेमाल बैन
ताइवान की सरकारी एजेंसियों में TikTok का इस्तेमाल पहले से ही बैन है. हालांकि ये ऐप अभी स्कूलों, गैर-सरकारी एजेंसियों, कॉलेजों और कई सार्वजनिक स्थानों पर उपयोग किया जा रहा है. अधिकारियों ने धीरे-धीरे इसे पूरी तरह से बंद करने की संभावना का संकेत दिया है. डिजिटल मामलों के मंत्रालय ने कहा, ‘अंतिम निर्णय विभिन्न क्षेत्रों की राय पर व्यापक विचार-विमर्श के बाद कैबिनेट द्वारा किया जाएगा.’
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने हाल ही में टिकटॉक की मूल कंपनी ByteDance को निशाना बनाते हुए एक विधेयक पारित किया है, जिसमें उसे अपनी अमेरिकी संपत्तियों को बेचने या राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध का सामना करने की समयसीमा दी गई है. यह विधेयक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर विदेशी प्रभाव के बारे में ताइवान की चिंताओं को दर्शाता है.
टिकटॉक के स्वामित्व वाली कंपनी का बयान
बाइटडांस के स्वामित्व वाली टिकटॉक ने लंबे समय से कहती आ रही है कि वह चीनी सरकार के साथ कोई डेटा साझा नहीं करती है. कंपनी ने उन आरोपों का भी खंडन किया है टिकटॉक अन्य सोशल मीडिया कंपनियों की तुलना में अधिक यूजर डेटा एकत्र करती है. इसके साथ ही कंपनी ने जोर देकर कहा कि यह अपने स्वयं के प्रबंधन द्वारा स्वतंत्र रूप से चलाई जाती है.
अमेरिका पर ताइवान में चर्चा
ताइवान के डिजिटल मामलों के मंत्री ऑड्रे टैंग ने कहा कि अमेरिका द्वारा पारित किए गए विधेयक पर भी चर्चा की गई और इसमें बताए गए कारणों और खतरों पर भी विचार किया गया है. इसी आधार पर ताइवान ने अपने साइबर सुरक्षा प्रबंधन अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव दिया है. यह ताइवान की सुरक्षा में बाहरी माध्यम से किए गए हस्तक्षेप को रोकेगा और उसकी सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा.
भारत ने पहले से ही है Tiktok बैन
भारत सरकार ने 29 जून 2020 को 59 चीनी ऐप पर बैन लगाया था, जिसमें टिकटॉक भी शामिल था. इसके अलावा Camscanner और PUBG जैसे लोकप्रिय ऐप को भी बैन किया गया था. इन ऐप को डाटा सुरक्षा को लेकर खतरा बताया जा रहा था. भारत सहित अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने इन ऐप को ब्लॉक करने के लिए आगाह किया था. इसके अलावा साल 2020 में भारत और चीन के बीच सीमा पर गतिरोध और हिंसा का दौरा चला था. इस कदम के पीछे इस परिस्थिति को भी कारण बताया जाता है.
किस-किस देश में है बैन
जनवरी 2023 तक अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, बांग्लादेश, ईरान, पाकिस्तान सहित कई एशियाई देशों में टिकटॉक पर प्रतिबंध है.
-भारत एक्सप्रेस
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