महुआ मोइत्रा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी राजमाता अमृता रॉय
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने रविवार (24 मार्च) की देर रात उम्मीदवारों की पांचवीं लिस्ट जारी कर दी. इस लिस्ट ने के जरिए बीजेपी ने सबको चौंका दिया. जिसमें पीलीभीत से मौजूदा सांसद वरुण गांधी का टिकट काट दिया गया. वहीं अरुण गोविल और कंगना रनौत को टिकट देकर बीजेपी ने सबको हैरत में डाल दिया. बीजेपी उन इलाकों में ज्यादा फोकस कर रही है. जहाम पर पार्टी की पकड़ थोड़ा कमजोर है. ऐसे में पश्चिम बंगाल में बीजेपी एक बड़ी जीत दर्ज करने के लिए बड़ी रणनीति के साथ चुनावी मैदान में है.
बीजेपी ने राजमाता अमृता रॉय को दिया टिकट
इसी रणनीति के तहत बीजेपी ने टीएमसी की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कृष्णा नगर सीट से राजमाता अमृता रॉय को उतारने की घोषणा की है. राजमाता के चुनावी मैदान में आने से टीएमसी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. यह सीट काफी चर्चित सीटों में से एक है. बीजेपी के इस फैसले को टीएमसी और खासकर महुआ मोइत्रा के खिलाफ तुरुप का इक्का माना जा रहा है.
महुआ मोइत्रा को मिलेगी कड़ी टक्कर
लोकसभा चुनाव में इस बार महाराजा कृष्णचंद्र का नाम भी राजनीति में जुड़ गया है. पिछले काफी दिनों से चर्चा चल रही थी कि अमृता रॉय कृष्णानगर सीट से चुनाव लड़ सकती हैं. राजमाता अमृता रॉय राजबाड़ी (रॉयल पैलेस) की राजमाता हैं. उन्होंने इसी महीने 20 मार्च को बीजेपी की सदस्यता ली थी. जिसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे, बीजेपी उन्हें टिकट दे सकती है. सियासी जानकारों का मानना है कि अमृता रॉय की उम्मीदवारी से बीजेपी को बढ़ावा मिलेगा और वह महुआ मोइत्रा को भी टक्कर दे सकेंगी.
महुआ मोइत्रा ने दर्ज की थी जीत
2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो कृष्णानगर सीट से टीएमसी की महुआ मोइत्रा ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने बीजेपी के कल्याण चौबे को 63 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. जहां पर महुआ मोइत्रा को सबसे अधिक मत मिले थे, वे तीन विधानसभाएं थीं. जिनमें चोपड़ा, पलाशीपारा और कालीगंज विधानसभा शामिल है. लेकिन बीते पांच सालों में बीजेपी ने कालीगंज विधानसभा में संगठन को काफी मजबूत कर सियासी जमीन को तैयार कर लिया है.
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बीजेपी की ताकत बढ़ी
अब राजमाता अमृता रॉय के चुनाव में उतरने से बीजेपी की ताकत और भी बढ़ गई है. राजमाता स्थानीय होने के साथ ही शाही परिवार से ताल्लुक रखती हैं. ऐसे में इसका भी खास प्रभाव पड़ेगा. जिसका असर सीधे वोटों पर पड़ेगा.
-भारत एक्सप्रेस
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