महिला ने फेविकोल से चिपकाए नकली पलक
Fake Eyelashes Reaction: आज के समय में महिला खूबसूरत दिखने के लिए तरह-तरह के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं. लेकिन इसमें से कई प्रॉड्क्ट्स स्किन और बॉडी के लिए नहीं खतरनाक साबित हो सकते हैं. यही वजह है कि किसी भी ब्यूटी प्रोड्क्ट का इस्तेमाल करने से पहले उसका पैच टेस्ट करना जरुरी होता है. पैच टेस्ट यानी प्रॉडक्ट को बॉडी के किसी छोटे से हिस्से में लगाकर देखना कि कहीं उसकी वजह से कोई रिएक्शन तो नहीं हो रहा.
लेकिन आमतौर पर काफी कम लोग ही इस बात का ध्यान रखते हैं. नतीजा, अगर रिएक्शन हो जाता है तो लेने के देने पड़ जाते हैं. ऐसे ही एक ब्यूटी प्रॉडक्ट के रिएक्शन का शिकार हुई लंदन की रहने वाली महिला लिली. लिली ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक छोटी सी गलती के कारण उसकी आंखों की रोशनी चली जाएगी. आइए जानते है लिली के साथ क्या हुआ जिसके चलते उसकी आंखों कि रोशनी चली गई.
क्या है पूरा मामला?
22 साल की लिली से एक ऐसी गलती हुई जिसके चलते आंखों कि रोशनी चली गई. दरअसल, लंदन में रिसेप्शनिस्ट के रुप में काम करने वाली लिली आंखों में कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करती थी. लेकिन एक दिन जब वह कॉन्टेकट लेंस पहन रही थी तो उनकी आंखों का रंग धुंधला और भूरा हो गया था. इसके चलते उनकी आंखों में इंफेक्शन हुआ जिससे उनकी आंखों की रोशनी कई महीनों के लिए चली गई थी. युवती की आंखें सूज गई थीं और उसे पीले रंग का स्राव भी हुआ जो काॉर्निया पर जमा होने लगा और धीरे-धीरे उसकी बायीं आंख की रोशनी चली गई. लिली ने कहा कि सब कुछ सपाट लग रहा था क्यों कि मैं इस बांय आंख से नहीं देख सकती थी.
आंखों में कॉर्निया अल्सर का चला पता
लिली ने बताया कि बाद में जब उसने डॉक्टर से अपनी आंखों का चेकअप करवाया तो पता चला कि कॉर्निया में अल्सर हो गया है. ये तब होता है जब आंख के बाहर घाव होने लगता है. वैज्ञानिकों के अनुसार, कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करने वालों की आंखों में कॉर्नियल अल्सर होना आम बात है.
ये तब होती है जब वो अपनी आंखें रगड़ते हैं या उन्हें नुकसान पहुंचाता है. लिली ने आगे कहा कि उनकी आंखों की रोशनी को वापस लाने के लिए सर्जरी की गई और कॉर्निया का इलाज किया गया. डॉक्टर ने बताया कि उनकी 6 महीने तक खराब रही. लिली का कहना है कि संक्रमण के लगभग डेढ़ साल बाद भी उनकी बाईं आंख की रोशनी पूरी तरह से वापस नहीं आई है.
कॉर्निया अल्सर क्या है?
कॉर्निया यानी आइरिस को ढकने वाली आंख की सबसे बाहरी परत होती है. आंख में कॉर्निया के जरिए रोशनी आंख के अंदर आती है. कॉर्निया, आंसु की परत को सुरक्षित रखता है जिससे इंफेक्शन आंख के अंदर न आएं. आंख के इस हिस्से में होने वाले अल्सर को कॉर्नियल अल्सर के नाम से जाना जाता है. कॉर्नियल अल्सर होने पर पलकों में सूजन, आंसू, रोशनी न देख पाने की समस्या आती है. आपकी आंख लाल हो सकती है और धुंधली दृष्टि जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं.
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कॉर्निया अल्सर के लक्षण
- आंखों में दर्द
- धुंधला दिखाई देना
- आंखों में चुभन महसूस होना
- आंखों से आंसू आना
- आंखों में लाली
- रोशनी से परेशानी और सिर दर्द शामिल है.
-भारत एक्सप्रेस
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