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भारत निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को राज्यों को निर्देश दिया कि चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों को आग्रह करने के 48 घंटे के भीतर अदेय प्रमाणपत्र (नो ड्यूज सर्टिफिकेट) जारी किये जायें क्योंकि जो लोग नामांकन के दौरान यह जमा नहीं करवाते उनका नामांकन पत्र रद्द होने की आशंका रहती है.
अगर कोई उम्मीदवार सारे बकायों का भुगतान करने के बाद भी अदेय प्रमाणपत्र जमा नहीं करा पाता है तो नामांकन पत्रों की जांच के समय यह उनकी उम्मीदवारी के खिलाफ रहता है.आयोग के परामर्श में यह भी कहा गया है कि उन उम्मीदवारों को भी ‘कोई राहत नहीं’ मिलेगी जो संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में नामांकन दाखिल करने की वैधानिक अवधि समाप्त होने के बाद अदेय प्रमाणपत्र जमा कराते हैं.
सहभागी चुनावी लोकतंत्र के सिद्धांतों को कमजोर करता है
निर्वाचन आयोग ने कहा है कि ऐसे उदाहरणों से न केवल इच्छुक उम्मीदवारों को बल्कि संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के राजनीतिक दलों और मतदाताओं को भी नुकसान हो सकता है और यह ‘‘सहभागी चुनावी लोकतंत्र के सिद्धांतों को कमजोर करता है.’’ परामर्श यह सुनिश्चित करने के लिये जारी किया गया है,ताकि ऐसा नहीं हो. इसमें कहा गया है कि मौजूदा लोकसभा चुनाव के दौरान, एक इच्छुक उम्मीदवार बकाया भुगतान के बावजूद अदेय प्रमाणपत्र प्राप्त नहीं कर सका.
संसद और राज्य विधानमंडल के चुनाव के दौरान नामांकन पत्र दाखिल करने वाले उम्मीदवार को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधानों के तहत संबंधित रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष एक हलफनामा भी दाखिल करना होता है.
-भारत एक्सप्रेस
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