Bharat Express

शतरंज की ट्रेनिंग भले सस्ती दिखे, लेकिन काफी महंगा है यह खेल: आर प्रज्ञानानंदा

ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा ने शुक्रवार को शतरंज के लिए मजबूत वित्तीय समर्थन की मांग करते हुए इस अवधारणा को खारिज किया कि इस खेल में ट्रेनिंग के लिए कम वित्तीय राशि की जरूरत होती है.

R Praggnanandhaa

आर प्रज्ञानानंदा (फोटो- सोशल मीडिया)

युवा भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा ने शुक्रवार को शतरंज के लिए मजबूत वित्तीय समर्थन की मांग करते हुए इस अवधारणा को खारिज किया कि इस खेल में ट्रेनिंग के लिए कम वित्तीय राशि की जरूरत होती है. प्रज्ञानानंदा ने हाल में पहली बार टोरंटो में फिडे कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था और वह इस समय ग्रां शतरंज टूर के अंतर्गत रैपिड एवं ब्लिट्ज पोलैंड में खेल रहे हैं.

इस 18 साल के खिलाड़ी ने कहा, ‘‘शतरंज की ट्रेनिंग भले ही आसान और सस्ती दिखे लेकिन इसके लिए यात्रा करना और सामान इकट्ठा करना बहुत ही महंगा होता है. इसलिये मैं अडानी ग्रुप से सहयोग मिलने के लिए उनका आभारी हूं.’’ प्रज्ञानानंदा ने पिछले कुछ वर्षों में तेजी से ऊपर की ओर कदम बढ़ाये हैं और इस दौरान मैग्नस कार्लसन सहित कुछ शीर्ष खिलाड़ियों को पराजित किया है. उन्होंने शतरंज के समर्थन के लिए कोरपोरेट जगत को आगे आने की जरूरत पर ध्यान दिलाते हुए कहा, ‘‘शीर्ष स्तर के अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेना काफी मुश्किल हो सकता है क्योंकि ये काफी मंहगे होते हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे माता पिता को वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ा था लेकिन मेरा पहला प्रायोजक मिलने के बाद थोड़ी मदद मिली.’’ प्रज्ञानानंदा ने आगे कहा कि, ‘‘यह मुश्किल था क्योंकि मेरी बहन भी खेल रही थी और उसे भी टूर्नामेंट के लिए यात्रा करनी पड़ती थी. इसलिये खेलों के लिए कोरपोरेट प्रायोजक काफी जरूरी हैं.’’ उनकी बड़ी बहन आर वैशाली टोरंटो में फिडे महिला कैंडिडेट्स में संयुक्त उप विजेता रही थीं.

चेन्नई के इस युवा खिलाड़ी ने यह भी कहा कि शतरंज के 14 राउंड खेलने के लिए खिलाड़ी को शारीरिक रूप से भी फिट होना चाहिए और वह अपनी फिटनेस के लिए बैडमिंटन और बीच वॉलीबॉल खेलते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कैंडिडेट्स की तैयारी के लिए मैं शारीरिक रूप से फिट होने के लिए कुछ खेल खेल रहा था. मैं शिविर के दौरान व्यायाम कर रहा था. हमें शतरंज की ट्रेनिंग के इतर शारीरिक ट्रेनिंग के लिए भी कुछ निश्चित समय दिया जाता है. हाल में मैंने बीच वॉलीबॉल खेलना शुरू किया.’’

प्रज्ञानानंदा ने कहा, ‘आपको लंबे टूर्नामेंट के लिए तैयार होने की जरूरत होती है क्योंकि 14 मैच खेलना आसान नहीं है. पूरे टूर्नामेंट के दौरान फोकस बनाये रखने पर हम काम कर रहे हैं.’’ उन्होंने आगे कहा कि, ‘‘14 मैच खेलना बहुत थकाने वाला होता है. शारीरिक फिटनेस की बात तब सामने आती है जब आप पांच-छह घंटों तक एक ही बाजी खेलते रहते हो. अगर आप पूरे टूर्नामेंट में ऐसा करते हो तो निश्चित रूप से ध्यान लगाये रखना बहुत थकाऊ होता है. इसमें काफी ऊर्जा लगती है.’’

ये भी पढ़ें- IPL में विराट कोहली के फॉर्म को देखकर बोले सौरव गांगुली, T20 वर्ल्ड कप में उनसे करवाना चाहिए यह काम

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read