दिल्ली हाई कोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रतिबंधित घोड़ा गाड़ियों या तांगों को जब्त करने की मांग वाली याचिका पर एमसीडी से जवाब मांगा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने एक आवेदन पर एमसीडी को मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 7 अगस्त तय कर दी।
यह आवेदन एक लंबित याचिका में दायर किया गया है, जिसमें पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने 4 जनवरी 2010 के प्रस्ताव को लागू करने की मांग की थी, जिसके द्वारा एमसीडी की स्थायी समिति ने तांगों को चरणबद्ध तरीके से हटाने और उनके मालिकों के पुनर्वास का संकल्प लिया था, जबकि ओवरलोडेड गाड़ियों को चलाने वाले घोड़ों की दुर्दशा को मान्यता दी गई थी। पीठ पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) की एक याचिका पर सुनवाई कर रही है।
याचिका में दावा किया गया
याचिका में दावा किया गया था कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) तांगों को चरणबद्ध तरीके से हटाने और उनके मालिकों के पुनर्वास के अपने प्रस्ताव को लागू करने में विफल रहा है। पेटा के वकील ने अपने आवेदन में कहा है कि आजादपुर मंडी और नरेला ओल्ड अनाज मंडी जैसे भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर तांगों को खुलेआम चलने की अनुमति दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि 5 मार्च को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)-राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (एनआरसीई) ने एक पत्र जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि आजादपुर मंडी में अवैध रूप से तांगे चलाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तीन घोड़े ग्लैंडर्स के लिए पॉजिटिव पाए गए थे, जो एक अत्यधिक संक्रामक जूनोटिक बीमारी है जो संभावित रूप से मनुष्यों के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता ने 26 मई को एमसीडी आयुक्त को एक पत्र भी लिखा था जिसमें मामले की तात्कालिकता पर प्रकाश डाला गया था।
गाड़ियों को जब्त करने की मांग की
पेटा ने एमसीडी के उस प्रस्ताव के अनुसार घोड़ा गाड़ियों को जब्त करने की मांग की, जिसके तहत दिल्ली में तांगों पर प्रतिबंध लगाया गया था और अदालत से यह भी आग्रह किया कि वह नागरिक एजेंसी को जब्त की गई गाड़ियों की संख्या बताते हुए कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश जारी करे।
इससे पहले अगस्त 2023 में अदालत ने नोट किया था कि एमसीडी की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, नागरिक निकाय ने फरवरी 2021 से केवल 58 जानवरों और 13 गाड़ियों को जब्त किया था। अदालत को सूचित किया गया कि दिल्ली में 170 से अधिक तांगा लाइसेंस धारक हैं और एमसीडी नियमित रूप से बढ़ी हुई फीस पर नए लाइसेंस जारी कर रही है। अदालत ने एमसीडी को फिलहाल कोई नया लाइसेंस जारी नहीं करने का निर्देश दिया था।
-भारत एक्सप्रेस
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