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Manipur Violence: मणिपुर के 2 जिलों में फिर लगा कर्फ्यू, हिंसा के कारण 70,000 से ज्यादा लोगों को विस्थापित होना पड़ा

मणिपुर में मेईतेई और कुकी-ज़ोमी समुदायों के बीच पिछले साल भड़के जातीय संघर्ष ने 220 से अधिक लोगों की जान चली गई थी. इस दौरान दंगों में हजारों घर, सरकारी और गैर-सरकारी संपत्तियां और धार्मिक संरचनाएं नष्ट या क्षतिग्रस्त हो गई थीं.

Manipur Violence

मणिपुर।

Manipur News Today: पूर्वोत्तर भारतीय राज्य मणिपुर में हालात फिर तनावपूर्ण हो गए हैं. वहां 59 साल के एक व्यक्ति की हत्या के बाद जिरीबाम और तामेंगलोंग जिलों में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को ये जानकारी दी.

इंफाल में मणिपुर के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि गुरुवार रात को जिरीबाम में सोइबाम सरतकुमार सिंह का शव बरामद होने के बाद स्थानीय लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. शुक्रवार को भी स्थिति तनावपूर्ण है, हालांकि नियंत्रण में है. शव पर कई चोटें और कट के निशान मिले थे.

खबर यह भी है कि वहां कुछ घरों में आग लगाई गई. इसके बाद स्थानीय लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने जिरीबाम में अपने लाइसेंसी हथियार वापस करने की मांग की. लोकसभा चुनाव से पहले इसे जमा करा लिए गए थे.

Manipur Violence Update

भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने किया लाठीचार्ज

पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने जिरीबाम जिले में असम राइफल्स, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और मणिपुर पुलिस का एक संयुक्त नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है.

जिरीबाम और निकटवर्ती तामेंगलोंग जिले में राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों सहित सुरक्षा बलों की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई है.

असम की सीमा से सटे जिरीबाम में मिली जुली आबादी है, जिसमें मैतेई, मुस्लिम, नागा, कुकी और गैर-मणिपुरी रहते हैं. यह जिला पिछले साल 3 मई से मणिपुर में हुई जातीय हिंसा से अब तक काफी हद तक अप्रभावित रहा है.

दो समुदायों के 220 से अधिक लोगों की जान गई

मैतेई और कुकी-ज़ोमी के बीच जातीय संघर्ष ने अब तक दोनों समुदायों के 220 से अधिक लोगों की जान ले ली है. एक साल से अधिक समय से चल रही जातीय हिंसा में दोनों समुदायों के 70,000 से अधिक लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं. दंगों में हजारों घर, सरकारी और गैर-सरकारी संपत्तियां और धार्मिक संरचनाएं नष्ट या क्षतिग्रस्त हो गई हैं.

— भारत एक्सप्रेस



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