सुप्रीम कोर्ट.
नीट-यूजी 2024 में हुई धांधली मामले में OMR शीट को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 2 हफ्ते बाद सुनवाई करेगा. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मेरा मुवक्किल इन परीक्षाओं का टॉपर है. प्रतिवादियों ने मेरे ओएमआर को बदल दिया. इसकी कॉपी उन्हें पहले ही दी जा चुकी है. कोर्ट ने कहा कि पहली बात तो ये कि जिस परीक्षा के लिए आप आदेश चाहते हैं, वह पहले ही खत्म हो चुकी है. हम कैसे अनुमति दे सकते हैं?
ओएमआर शीट प्राप्त करने का छात्रों को अधिकार
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि याचिका कुछ छात्रों की ओर से भी दायर की गई है. उन्होंने कहा कि हम बहुत से छात्रों को कोचिंग देते हैं और उनकी शिकायतों को सामने लाने की ज़रूरत है. याचिकाकर्ता के वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि व्यक्तिगत छात्रों को उनकी ओएमआर शीट की एक प्रति प्राप्त करने का अधिकार है और जिन्हें यह मिली है, वे देखते हैं कि यह निर्धारित बेंचमार्क के अनुरूप नहीं है.
एनटीए को सुप्रीम कोर्ट ने दी थी चेतावनी
याचिकाकर्ता की इस दलील पर NTA की ओर से पेश वकील ने कहा कि हम सभी उम्मीदवारों को ओएमआर शीट प्रदान करते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने NTA से पूछा कि क्या ओएमआर शीट उपलब्ध कराने के लिए कोई समय सीमा है? इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने NTA को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर 0.01% प्रतिशत भी किसी की खामी पाई गई, तो हम उससे सख्ती से निपटेंगे.
कोर्ट ने कहा था कि हम ये छात्रों की मेहनत का सवाल है, हमें इसका एहसास है कि उन्होंने कैसे तैयारी की है. कोर्ट ने कहा था कि अगर कोई फ्राड के जरिए डॉक्टर बन भी जाता है तो कल्पना की जा सकती है कि वो समाज और सिस्टम के लिए कितना बड़ा खतरा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि NTA छात्रों की शिकायत को नज़रअंदाज न करें या उसे अन्यथा न ले, अगर एग्जाम में वाकई कोई गलती हुई है तो उसे स्वीकार करें और उसे पर एक्शन ले. एक एजेंसी से उम्मीद की जाती है कि वो निष्पक्ष नज़र आए.
-भारत एक्सप्रेस
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