EVM-VVPAT Case
नई दिल्ली: VVPAT पर्चियों का EVM से 100 फीसदी मिलान कराने की मांग वाली पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि याचिका में दिए गए आधार पर विचार करने के बाद कोर्ट का मानना है कि इस पर पुनर्विचार का की औचित्य नहीं बनता है.
100 फीसदी मिलान वाली याचिका खारिज
यह पुर्नविचार याचिका अरुण कुमार अग्रवाल की ओर से दायर की गई थी. कोर्ट ने 26 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने VVPAT और EVM मशीन की पर्चियों का 100 फीसदी मिलान करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था. इसके साथ ही याचिका में चुनाव को बैलेट पेपर से कराए जाने की भी मांग की गई थी, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि उम्मीदवारों के पास परिणामों की घोषणा के बाद टेक्निकल की एक टीम द्वारा ईवीएम के माईक्रोकंट्रोलर प्रोग्राम की जांच कराने का विकल्प होगा, जिसे चुनाव की घोषणा के साथ दिन के भीतर किया जा सकेगा. कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर दूसरी और तीसरे नंबर के प्रत्याशी के द्वारा वेरिफिकेशन की मांग की जाती है तो उस स्थिति में इसका खर्चा प्रत्याशी से वसूला जाए. अगर कोई छेड़छाड़ मिलती है तो उसे खर्चा वापस कर दिया जाएगा.
पहले भी बैलेट वोटिंग सिस्टम की मांग खारिज हो चुकी है
कोर्ट ने चुनाव आयोग को कागज की पर्चियों की गिनती के लिए इलेक्ट्रॉनिक मशीन के सुझाव पर ध्यान देने और इस पर भी विचार करने को कहा था कि क्या चुनाव चिन्ह के साथ-साथ प्रत्येक पार्टी के लिए बार कोड भी हो सकता है. बता दें कि 26 अप्रैल को अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने पेपर बैलेट वोटिंग सिस्टम को वापस लाने की याचिकाकर्ताओं की मांग को खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला उन याचिकाओं पर दिया था जिसमें मतददाताओ द्वारा डाले गए वोटों की ईवीएम में रिकॉर्ड के रूप में गिनती के साथ वीवीपीएटी के साथ क्रॉस सत्यापन की मांग की गई थी.
-भारत एक्सप्रेस
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