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कांवड़ यात्रा वाले रास्तों पर दुकानदारों को नेमप्लेट लगाने से रोकने के आदेश के बाद उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिया यह हलफनामा

उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए अपने हलफनामे में कहा है कि नेमप्लेट जारी करने का आदेश खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत दिया गया था. ऐसा करना भक्तगणों के लिए आवश्यक है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर: IANS)

Kawad Yatra 2024: कांवड़ यात्रा वाले मार्ग पर दुकानदारों को नेमप्लेट लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. उत्तराखंड सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत नेमप्लेट जारी करने का आदेश दिया गया था.

उत्तराखंड सरकार ने कहा है कि याचिकाओं में उठाये गए सवाल निराधार है, जिनके पीछे कोई सटीक आधार नहीं है. राज्य सरकार ने कहा कि दुकान मालिकों के नाम और पहचान बताने की आवश्यकता पारदर्शिता सुनिश्चित करने को लेकर है. हलफनामे में कहा गया है कि किसी भी संभावित भ्रम से बचने के लिए यह निर्धारित कानून के तहत किया गया उपाय मात्र है. राज्य सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि राज्य में शांति व्यवस्था कायम रहे.

kanwar yatra 2024

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया था कि हमारा आदेश साफ है. अंतरिम रोक जारी रहेगी. कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर कोई अपनी मर्जी से दुकान के बाहर अपना नाम लिखना चाहता है तो हमने उसे रोका नहीं है. हमारा आदेश था कि नाम लिखने के लिए मज़बूर नहीं किया जा सकता. पिछली सुनवाई में उत्तराखंड सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा था कि हमने कानूनी आधार पर ही निर्देश जारी किया. इस बारे में हमारे अपने नियम है. सिर्फ यात्रा की बात नही है.

वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने हलफनामा दाखिल कर कहा है कि राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देश दुकानों और भोजनालयों की ओर से मिली शिकायतों के बाद किए गए थे. उसने कहा है कि ऐसी शिकायतें मिलने पर पुलिस अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों की चिंताओं को दूर करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कार्रवाई की है. उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में साफ कह दिया है कि लोगों की धार्मिक भावनाओं की रक्षा करने को वह प्रतिबद्ध है. सरकार ने कहा है को कावड़ियों की धार्मिक भावना का ख्याल रखते हुए फैसला लिया गया.

कावड़ियों के साथ कुछ गलत न हो इसलिए यह फैसला लिया. यूपी सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि नेमप्लेट वाला आदेश शांतिपूर्ण कांवड़ यात्रा के संचालन के लिए थी. नेम प्लेट वाली प्रेस विज्ञप्ति पूरी तरह कावंड़ यात्रा के शांतिपूर्ण समापन को सुनिश्चित करने के हित में जारी की गई थी. कावंड़ यात्रा में सालाना 4.07 करोड़ से अधिक कांवरिया भाग लेते है. उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक, वह किसी भी धर्म के लोगों की धार्मिक भावनाओं की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है.

— भारत एक्सप्रेस

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