Bharat Express

गाजियाबाद से मुजफ्फरनगर तक गंगा नहर पटरी प्रोजेक्ट के लिए काटे जा रहे 1 लाख से ज्यादा पेड़ों की जांच के लिए NGT ने गठित की कमेटी

NGT की हाई पावर कमेटी गाजियाबाद से मुजफ्फरनगर तक गंगा नहर पटरी के चौड़ीकरण के उद्देश्य से काटे जा रहे पेड़ों के मामले की जांच करेगी. इस कमेटी में यूपी के मुख्य सचिव, पर्यावरण निदेशक, डीएम मेरठ और सीनियर साइंटिस्ट शामिल हैं.

Felling of trees in UP

India News: गाजियाबाद से मुजफ्फरनगर तक गंगा नहर पटरी के चौड़ीकरण के उद्देश्य से काटे जा रहे 1 लाख 12 हजार पेड़ों की जांच के लिए एनजीटी ने एक हाई पावर कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, पर्यावरण निदेशक, डीएम मेरठ और सीनियर साइंटिस्ट को शामिल किया गया है. 16 अगस्त को एनजीटी इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.

कमेटी इस बात की जांच करेगी कि जो पेड़ काटे गए हैं, उसकी अनुमति ली गई थी या नहीं. कमेटी यह भी देखेगी कि जितने पेड़ काटे जाने हैं कहीं उससे ज्यादा तो पेड़ नहीं काटे गए हैं. बताया जा रहा है कि एनजीटी ने निर्माण कार्य के लिए 15 मीटर चौड़ाई क्षेत्र में पेड़ को काटने की अनुमति दी थी, लेकिन इसकी आड़ में 30 मीटर तक पेड़ो का कटान हुआ है. एनजीटी सपा विधायक अतुल प्रधान की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है.

Felling of trees in UP

एनजीटी द्वारा गठित कमेटी की गहनता से जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट एनजीटी को सौंपेगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. याचिकाकर्ता का आरोप है कि सड़क निर्माण के नाम पर पेड़ो का अवैध रूप से कटाई की जा रही है. दूसरी ओर इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव से मामले में जांच रिपोर्ट तलब किया है. क्योंकि आशंका जाहिर की गई है कि 100 साल पुराने पेड़ो को भी काट दिया गया है.

बता दें कि एनजीटी द्वारा कमेटी गठित करने के बाद वो तमाम अधिकारी परेशान है जो प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से इस मामले में जुड़े है. इस मामले में ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया है. जबकि सीएम के आदेश पर मौका का दौरा करने आये मुख्य सचिव से ठेकेदार ने साफ कह दिया है कि उसको किसी ने नहीं बताया है कि कहां और कितने पेड़ काटने है. ठेकेदार के मुताबिक कोई अधिकारी झांकने तक नही आया। उसका काम पेड़ों की कटान कर वन विभाग को भेजने तक कि जम्मेदारी है. बाकी का काम अधिकारियों की है.

— भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read