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कुश्ती महासंघ के चुनाव को रद्द करने वाली याचिका पर हाई कोर्ट ने पारित किया अंतरिम आदेश, 12 सितंबर को होगी अगली सुनवाई

भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव के ठीक बाद केंद्र सरकार ने नई समिति पर रोक लगा दिया था. और कुश्ती के संचालन के लिए इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन ने एक तदर्थ समिति बनाई थी.

Delhi Highcourt

दिल्ली हाई कोर्ट.

दिल्ली हाई कोर्ट से पहलवान बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान को फिलहाल राहत मिल गई है. भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव को रद्द करने की मांग वाली पहलवान बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित किया है. कोर्ट ने इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन को एडहॉक कमेटी बनाने का आदेश दिया है. ताकि WFI की फंक्सनिंग जारी रह सके. कोर्ट के फैसले से साफ है कि संजय सिंह सहित अन्य का निलबंन जारी रहेगा. कोर्ट 12 सितंबर को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. कोर्ट ने 24 मई को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था.

चुनाव रद्द करने की मांग

बता दें कि यह याचिका पहलवान बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान की ओर से याचिका दायर की गई थी. याचिका में चुनाव रद्द करने और मामले की जांच के लिए समिति नियुक्त करने की मांग की गई है. संजय सिंह, जिन्हें 2023 में WFI अध्यक्ष के रूप में चुना गया था, को पूर्व WFI अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह का सहयोगी माना जाता हैं. पहलवानों ने खेल मंत्रालय और तदर्थ समिति के निर्देशों की लगातार अनदेखी करने के लिए WFI को आदतन अपराधी करार दिया है, उनका दावा है कि इन कार्यो ने भारतीय पहलवानों के करियर के विकास में काफी बाधा डाली है.

WFI को अपने प्रबंधन कार्यो को बंद करने और ट्रायल या राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित करने से परहेज करने के खेल मंत्रालय के निर्देश के बावजूद, महासंघ कथित तौर पर अनधिकृत परीक्षण और कार्यक्रम आयोजित करने में लगा रहा. याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने ट्रायल सेलेक्शन के संबंध में निलंबित फेडरेशन अध्यक्ष द्वारा लिए गए निर्णयों पर कहा कि निलंबित फेडरेशन अध्यक्ष को कोई निर्णय नही लेना चाहिए था. हालांकि उन्होंने ऐसा करना जारी रखा, यहां तक कि अदालत की कार्यवाही को प्रभावित करने के लिए लेटर पाने की हद तक चले गए.

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याचिकाकर्ता ने कहा, हमने आगामी ओलंपिक खेलों को देखते हुए संजय सिंह की अध्यक्षता वाली WFI और विश्व निकाय के बीच पूरी तरह अलगाव की मांग की. मेहरा ने यह भी कहा है कि संजय सिंह और अन्य प्राधिकारियों को आगे कोई भी चयन से रोका जाए और अदालत द्वारा एक सदस्यीय समिति नियुक्त की जाए.

केंद्र सरकार ने समिति पर लगाई थी रोक

गौरतलब है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव के ठीक बाद केंद्र सरकार ने नई समिति पर रोक लगा दिया था. और कुश्ती के संचालन के लिए इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन ने एक तदर्थ समिति बनाई थी. बाद में उस तदर्थ समिति को भंग कर दिया गया था. आदेश में कहा गया था कि एडहॉक कमेटी को भंग करने का फैसला युनाइटेट वर्ल्ड रेसलिंग द्वारा भारतीय कुश्ती संघ पर लगे प्रतिबंध को हटाने और इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन द्वारा नियुक्त एडहॉक कमेटी द्वारा चयन परीक्षणों के सफल समापन के बाद लिया गया था.

-भारत एक्सप्रेस

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