Bharat Express

दिल्ली हाईकोर्ट ने जेल अधिकारियों से ठग सुकेश चंद्रशेखर के अतिरिक्त कानूनी मुलाकातों के लिए प्रतिनिधित्व तय करने को कहा

याचिका में सुकेश चंद्रशेखर की व्यक्तिगत कठिनाइयों पर और जोर दिया गया है, जिसमें दूरी के कारण अपने परिवार से अलगाव और अपने पति या पत्नी के कारावास शामिल हैं.

Sukesh Chandrashekhar

सुकेश चंद्रशेखर (फोटो- IANS)

कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर द्वारा दायर रिट याचिका पर प्रतिनिधित्व के रूप में विचार करने और निर्णय लेने का दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है. चंद्रशेखर ने जेल में रहने के दौरान अपने वकीलों से अतिरिक्त मुलाकातों का अनुरोध किया है. न्यायमूर्ति अमित महाजन ने सुनवाई के दौरान सुकेश चंद्रशेखर के अपने वकीलों से अतिरिक्त मुलाकातों के अनुरोध के संबंध में निर्देश जारी किए.

इससे पहले न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. सुकेश चंद्रशेखर ने याचिका के माध्यम से अपने कानूनी सलाहकार के साथ अपनी मुलाकातों को सप्ताह में पांच बार बढ़ाने की अनुमति मांगी. इस अनुरोध में वर्तमान में अनुमत प्रति सप्ताह दो बैठकों के अलावा अतिरिक्त तीन मुलाकातों की मांग की गई थी.

सुकेश चंद्रशेखर के वकील अनंत मलिक ने हाई-प्रोफाइल भ्रष्टाचार और जबरन वसूली के मामलों सहित अपने कानूनी मुद्दों की जटिलता और व्यापकता को देखते हुए, चंद्रशेखर का दावा है कि अपने बचाव को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए अपने वकीलों के साथ अधिक लगातार परामर्श महत्वपूर्ण है.

याचिका में सुकेश चंद्रशेखर की व्यक्तिगत कठिनाइयों पर और जोर दिया गया है, जिसमें दूरी के कारण अपने परिवार से अलगाव और अपने पति या पत्नी के कारावास शामिल हैं. यह स्थिति उनके संकट को बढ़ाती है, जो उनके कानूनी सलाहकार के साथ नियमित और सार्थक बातचीत की आवश्यकता को रेखांकित करती है.

याचिका में आगे कहा गया है कि कानूनी परामर्श पर मौजूदा प्रतिबंध भारत के संविधान के अनुच्छेद 22(1) के तहत चंद्रशेखर के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं, जो किसी की पसंद के कानूनी व्यवसायी से परामर्श करने और बचाव करने के अधिकार की गारंटी देता है.

ये भी पढ़ें- मनी लॉन्ड्रिंग मामला: AAP विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ लंबित कार्यवाही पर रोक लगाने से हाईकोर्ट का इनकार

-भारत एक्सप्रेस

Also Read