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शिक्षक दिवस पर मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान का विशेष कार्यक्रम, योग शिक्षा में गुरुओं की भूमिका पर डाला प्रकाश

Diploma in Yoga Science Program : मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (MDNIY) की ओर से शिक्षक दिवस के अवसर पर डिप्लोमा इन योग साइंस प्रोगाम में एडमिशन लिए छात्र-छात्राओं के लिए एक विशेष स्वागत समारोह आयोजित किया गया.

Morarji Desai National Institute of Yoga (MDNIY)

Role Of Gurus In Yoga Education: मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (MDNIY) के परिसर में ‘शिक्षक दिवस’ के अवसर पर शिक्षाविदों ने विद्यार्थियों के समक्ष गुरू के महत्व पर चर्चा की. वहीं, डिप्लोमा इन योग साइंस (डीवाईएससी) के नवागंतुक छात्र-छात्राओं के स्वागत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें प्रो. संजीव शर्मा, कुलपति, एन.आई.ए., आयुष मंत्रालय, जयपुर ने मुख्य अतिथि और प्रो. सुदीप्त रथ, डीन अंतःविषय पाठ्यक्रम और आईटी प्रभारी, एनआईए, जयपुर ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की.

‘शिक्षक दिवस’ के कार्यक्रम की अध्यक्षता मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (MDNIY) के निदेशक, डॉ. काशीनाथ समगंडी ने की. कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों के सामूहिक दीप प्रज्वलन के साथ हुआ. अपने अध्यक्षीय संबोधन में निदेशक डॉ. काशीनाथ ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान की विभिन्न गतिविधियों और क्रियाकलापों पर गहन प्रकाश डाला. साथ ही साथ उन्होंने जीवन में गुरु की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए गुरु को प्रेरणा देने वाला बताया. विद्या धन को सर्वश्रेष्ठ बताते हुए उन्होंने कहा कि खर्च करने से बढ़ने वाला विद्या रुपी धन, सभी धनों से श्रेष्ठ है.

‘मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान तपस्वियों की धरती’

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो. संजीव शर्मा ने शिक्षक दिवस पर शिक्षक की भूमिका का रेखांकन करते हुए बताया कि शिक्षक हृदय के माध्यम से अपने छात्रों के मन-मस्तिष्क में प्रवेश करता है. मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (MDNIY) को तपस्वियों की धरती बताते हुए प्रो. शर्मा ने कहा, “यहाँ की ऊर्जा अभूतपूर्व है, जिसका सदुपयोग समाज, राष्ट्र और विश्व समुदाय की बेहतरी के लिए किया जा सकता है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में आपकी भूमिका सराहनीय है.”

प्रो. संजीव शर्मा ने कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों का आह्वान करते हुए उनसे योग का प्रचार-प्रसार करने की अपील की ताकि समाज में आ रही विसंगतियों को दूर किया जा सके और एक स्वस्थ समाज की संकल्पना को साकार किया जा सके.

‘विज्ञान और दर्शन जब साथ-साथ चलें तो होगा कल्याण’

विशिष्ट अतिथि प्रो. सुदीप्त रथ ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज योग ने समूचे संसार को एकजुट कर दिया है. प्रो. सुदीप्त रथ ने जोर देते हुए कहा कि विज्ञान और दर्शन जब साथ-साथ चलेंगे, तभी विश्व बंधुत्व और जगत कल्याण की भावना चरितार्थ हो पाएगी.

कार्यक्रम के समापन पर डॉ. आई. एन आचार्य, कार्यक्रम अधिकारी(योग चिकित्सा), मो.दे.रा.यो.सं. ने सभी के प्रति अपना धन्यवाद प्रस्ताव प्रेषित किया. इस दौरान मो.तैयब आलम, संचार एवं प्रलेखन अधिकारी, उपनिदेशक (प्रभारी) सहित संस्थान के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति देखी गई.

— भारत एक्सप्रेस

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