सीएम हेमंत सोरेन. (फाइल फोटो)
झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. प्रदेश सरकार एक तरफ सत्ता में बने रहने के लिए तमाम कोशिश कर रही है, तो दूसरी तरफ भाजपा प्रदेश में सरकार बनाने की कोशिश में लगी हुई है. इसी बीच मंगलवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दावा किया है कि राज्य सरकार ने पिछले चार वर्षों में विकास की लंबी लकीर खींची है. इसका उद्देश्य किसान वर्ग को मजबूती प्रदान करना है.
हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड गांवों का प्रदेश है और ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले अधिकतर लोगों का जुड़ाव खेती-बाड़ी के कार्यों से है. पदेश की सरकार ने किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन और नीति निर्धारण किया है, जो आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगी. उन्होंने कहा कि जब गांव समृद्ध होंगे, तभी राज्य समृद्ध होगा.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में हमारी सरकार बनने के चंद दिनों बाद से ही कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, लेकिन तमाम चुनौतियों से लड़ते-लड़ते विगत चार वर्षो में राज्य के गरीब, वृद्धजन, महिलाएं, किसान, आदिवासी, दलित, शोषित, पिछड़े सभी वर्गों के उत्थान के लिए उनकी सरकार ने जो लकीर खींची है, वह बहुत मजबूत, लंबी और गाढ़ी लकीर है, उसे मिटा पाना असंभव है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मछली पालन, गाय पालन, मुर्गी पालन, दुग्ध उत्पादन सहित विभिन्न पशुपालन के माध्यम से कृषकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने हेतु निरंतर योजनाएं संचालित की जा रही हैं. उन्होंने कृषकों से अपील किया कि वे पशुपालन से संबंधित विभिन्न योजनाओं का लाभ जरूर लें. उनकी सरकार सदैव यहां के किसान परिवारों के साथ खड़ी है. राज्य सरकार द्वारा कृषकों के 2 लाख रुपए तक के कृषि ऋण माफी का निर्णय भी लिया गया है. राज्य सरकार अब कृषि कार्य के लिए किसान परिवारों को बेहतर गुणवत्ता वाले पशु प्रदान कर रही है. राज्य सरकार ने पहली बार ऐसी नीति बनाई, जिसमें कृषकों को प्रदान किए जाने वाले सभी पशुओं का इंश्योरेंस किया जाता है, ताकि पशुओं के मरने पर उन्हें बीमा की राशि उपलब्ध कराई जा सके.
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि देश, समाज और परिवार में कृषक वर्ग का स्थान बहुत महत्व रखता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी चीजों को मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार द्वारा किसान पाठशाला, बिरसा हरित ग्राम योजना, दीदी बाड़ी योजना, दीदी बगिया योजना सहित कई अन्य योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, ताकि ग्रामीण परिवार इन योजनाओं से जुड़कर आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें.
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-भारत एक्सप्रेस
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