लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली पहुंचे लद्दाखी जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने अपनी याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट से वापस ले लिया है. मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली हाईकोर्ट को जानकारी दी कि वांगचुक ने अपना विरोध वापस ले लिया है. इसलिए याचिका पर सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है. जिसके बाद सोनम वांगचुक और अन्य ने याचिका को कोर्ट से वापस ले लिया.
याचिका में सोनम वांगचुक और अन्य को जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण तरीके से अनशन करने की अनुमति देने की मांग की थी. दिल्ली पुलिस ने अनशन की अनुमति देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि अनशन के लिए जो अर्जी दी गई थी उसमें कुछ दिक्कते है. जैसे कि प्रदर्शन शुरू करने और समाप्त करने के बारे में नहीं बताया गया है.
वांगचुक ने केंद्र सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुसार मिलने के लिए कोई तारीख नहीं देने का आरोप लगाया है. वांगचुक ने कहा कि हम एक ऐसी जगह की तलाश कर रहे थे, जहां हम अपनी शांतिपूर्ण भूख हड़ताल कर सके, लेकिन हमें वह जगह नहीं दी गई. इसलिए हमारे पास लद्दाख भवन से भूख हड़ताल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. वांगचुक ने कहा कि वो किसी से समर्थन नही मांग रहे है. वो उन लोगों का स्वागत करते हैं जो समझते है कि भारत में क्या हो रहा है, लद्दाख के साथ क्या हो रहा है और हमारे अधिकार क्या हैं.
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-भारत एक्सप्रेस
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