Bharat Express

दिल्ली हाई कोर्ट से शाहरुख पठान को लगा झटका, कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार, दिल्ली दंगे में कॉन्स्टेबल पर तानी थी पिस्टल

14 दिसंबर 2023 को ट्रायल कोर्ट ने शाहरुख पठान की नियमित जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उसे जमानत देने का कोई आधार नहीं मिला.

Delhi High Court

दिल्ली हाईकोर्ट. (फाइल फोटो)

दिल्ली ( Delhi) हाई कोर्ट से शाहरुख पठान की झटका लगा है. कोर्ट ने पठान की ओर से दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. जिसे 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान एक पुलिस कांस्टेबल पर पिस्तौल तानते के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने शाहरुख पठान की जमानत याचिका खारिज कर दी.

पठान के वकील ने तर्क दिया कि इस मामले में उसे अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है, बशर्ते कि किसी को कोई चोट न पहुंचे और पठान पहले ही चार साल जेल में बिता चुका है. इस मामले में विभिन्न धाराओं 147, 148, 149 और 307 इत्यादि के तहत मामला दर्ज किया गया था. यह मामला जाफराबाद दंगों से संबंधित हैं.

14 दिसंबर 2023 को ट्रायल कोर्ट ने शाहरुख पठान की नियमित जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उसे जमानत देने का कोई आधार नहीं मिला. अदालत ने हिरासत में उसके व्यवहार, अदालत में पेश होने के दौरान और प्रत्यक्षदर्शियों और वीडियो फुटेज से पुष्टि करने वाले सबूतों को ध्यान में रखा.

क्या है मामला?

यह मामला सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई गोलीबारी की घटना से जुड़ा है, जहां एक प्रदर्शनकारी ने जाफराबाद में वर्दीधारी पुलिस अधिकारी पर गोली चलाई थी. इस नाटकीय घटना को एक पत्रकार ने अपने मोबाइल फोन पर कैद कर लिया जो जल्द ही मीडिया आउटलेट्स में ब्रेकिंग न्यूज बन गई. दंगों के बाद पुलिस ने घटनास्थल से तीन खाली कारतूस बरामद किए.

यह भी पढ़ें- यूपी मदरसा बोर्ड पर Supreme Court ने सुरक्षित रखा फैसला, कहा- ‘धर्मनिरपेक्षता का अर्थ है जियो और जीने दो’

घटना के बाद शाहरुख पठान उत्तर प्रदेश के शामली भागने से पहले दिल्ली में गिरफ्तारी से बचता रहा, जहाँ उसे अंततः दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान पठान ने खुलासा किया कि उसने जिस कार का इस्तेमाल किया वह उसके चाचा के बेटे की थी और खराब होने के बाद उसे हरियाणा के एक गैरेज में छोड़ दिया गया था. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुई झड़पें, जो समर्थक और विरोधी सीएए समूहों के बीच भड़की थीं, के परिणामस्वरूप कम से कम 53 मौतें हुईं.

-भारत एक्सप्रेस

Also Read