सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट ने 200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग(Money Laundering) के मामले में कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर (Conman Sukesh) की पत्नी लीना मारिया पॉलोज (Leena Maria Paulose) की ओर से दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पॉलोज पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जस्टिस बेला त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह आदेश दिया है.
बताओ कितना जुर्माना लगाया जाए
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस शर्मा ने फटकार लगाते हुए कहा कि बताओ कितना जुर्माना लगाया जाए. आपने हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया की संबंधित मामले हैं और आपने उस आदेश को चुनौती दी है. जस्टिस बेला त्रिवेदी ( Justice Bela Trivedi) ने कहा कि इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती. जिसपर पॉलोज के वकील ने कहा कि मुझे याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाए. कृपया जुर्माना ना लगाया जाए. इससे ट्रायल में दिक्कत आएगी. जस्टिस त्रिवेदी ने कहा कि इसे बाधा बनने दीजिए. यह करना ही होगा. आपके पास पैसा है, आप हर समय यहां नहीं आ सकते है. वहीं जस्टिस शर्मा ने कहा कि वह भी आपका पैसा नहीं है. जस्टिस त्रिवेदी ने कहा कि जुर्माना तो लगाना पड़ेगा.
पॉलोज को जीने का अधिकार है
पॉलोज ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके पहले दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पॉलोज की ओर से पेश वकील ने कहा था कि 2 साल से अधिक समय से जेल में बंद है, और पॉलोज जीवन के अधिकार और मातृत्व के अधिकार की हकदार है. पॉलोज के वकील ने कहा था कि पॉलोज की उम्र 40 साल को पार कर गई है. वकील ने यह भी कहा था कि पॉलोज एक बच्चा भी चाहती हैं, और उसे जीने का अधिकार है. इस मामले में उनके पति सुकेश चंद्रशेखर मुख्य आरोपी है और इसका मतलब यह नहीं है कि उसे सलाखों के पीछे रखा जाए.
ईओडब्ल्यू ने दर्ज की थी प्राथमिकी
ईओडब्ल्यू (EoW) ने चंद्रशेखर के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की थी. इसने आईपीसी की विभिन्न धाराओं और मकोका के प्रावधानों के अनुसार चंद्रशेखर, पॉलोज और अन्य 14 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. चंद्रशेखर ने कथित तौर पर रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटरों शिविंदर सिंह और मलविंदर सिंह की पत्नियों से 200 करोड़ रुपये की फर्जीवाड़ा की थी. उसने अदिति सिंह और जपना सिंह को केंद्रीय कानून मंत्रालय के एक अधिकारी के रूप में प्रस्तुत करके और उनके पतियों के लिए जमानत सुनिश्चित करने के लिए कई करोड़ रुपये की फर्जीवाड़ा की थी.
हवाला का है आरोप
ईओडब्ल्यू ने इस मामले में लीना पॉलोज के खिलाफ आईपीसी की सेक्शन 170, 186, 384, 386, 388, 419, 420, 406, 409, 468, 471, 353, 506, 120बी, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 डी और धारा 3 और 4 महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम, 1999 के तहत चार्जशीट दाखिल की. पॉलोज, चंद्रशेखर और अन्य पर शैल कम्पनियां बनाने और अपने अपराध से अर्जित पैसों को पार्क करने के लिए हवाला मार्गो का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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