प्रतीकात्मक तस्वीर.
सोमवार को अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त (Bangladesh Assistant High Comission) के कार्यालय के सामने हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का विरोध करते हुए और इस्कॉन सदस्य चिन्मय दास प्रभु की रिहाई की मांग करते हुए एक विशाल विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसमें एक धरना प्रदर्शन भी शामिल था. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कार्यालय में तोड़ फोड़ भी की.
इस विरोध प्रदर्शन में दक्षिणपंथी संगठन ‘हिंदू संघर्ष समिति’ भी शामिल हुआ, जिसमें विभिन्न वर्गों के लोगों ने भाग लिया. सोमवार की सुबह प्रदर्शनकारी सर्किट हाउस के पास महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दे रहे थे. उसी वक्त प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पुलिस बैरिकेड को तोड़ दिया और सहायक उच्चायुक्त के ऑफिस में दाखिल हो गए.
रिहा न करने तक विरोध जारी
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हिंदू नेता और इस्कॉन (ISKCON) सदस्य चिन्मय दास प्रभु (Chinmoy Das) को अवैध रूप से गिरफ्तार किया है. हमने जो सुना है वह यह है कि उन्होंने उन्हें भोजन भी नहीं दिया. यह पूरी तरह से अवैध और अमानवीय है. हम चिन्मय दास प्रभु की तत्काल रिहाई की मांग कर रहे हैं. हिंदू होने के नाते, हम बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों को बर्दाश्त नहीं कर सकते,”
उन्होंने बताया कि भारत में, कई मुस्लिम, जो अल्पसंख्यक हैं, बिना किसी अत्याचार का सामना किए शांतिपूर्वक रहते हैं. “हम यहां अपने मुस्लिम भाइयों और बहनों पर हमला नहीं कर रहे हैं. फिर वे हमारे साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं. उन्होंने मीडिया से कहा, “जब तक यूनुस सरकार इस्कॉन नेता को रिहा नहीं करती, तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा.”
सरकार बदलने बाद से बढ़े हमले
विरोध प्रदर्शन में शामिल भाजपा उपाध्यक्ष सुबल भौमिक ने कहा कि समय के साथ हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले काफी बढ़ गए हैं. “हम इस तरह के कृत्यों की कड़ी निंदा करते हैं. लंबे समय से, और खासकर सरकार में बदलाव के बाद, ये हमले तेज हो गए हैं. आज हम विभिन्न संगठनों से इसका विरोध करने इस प्रदर्शन में यहां आए हैं,”
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने बांग्लादेश सरकार को भी चेतावनी दी है. भौमिक ने कहा, “मोहम्मद यूनुस हर चीज के लिए और हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ लोगों को भड़काने के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं.”
त्रिपुरा-बांग्लादेश की सीमा 856 Km
त्रिपुरा बांग्लादेश के साथ 856 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है. बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों के खिलाफ बड़े पैमाने पर त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. कई प्रदर्शनकारियों ने मोहम्मद यूनुस के पुतले जलाए हैं.
कुछ दिनों पहले बांग्लादेश के ब्राह्मणबारिया जिले में बिस्वा रोड को पार करते समय एक भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय यात्री बस ने दूसरी बस को टक्कर मार दी, जिस पर त्रिपुरा सरकार ने दावा किया कि बस पर हमला हुआ था.
घटना पर त्रिपुरा (Tripura) के परिवहन और पर्यटन मंत्री सुशांत चौधरी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ट्रक ने दुर्घटना करने के इरादे से जानबूझकर बस को टक्कर मारी. घटना के बाद स्थानीय लोगों ने वाहन में सवार भारतीय यात्रियों को धमकियां देनी शुरू कर दीं. भारत विरोधी नारे लगाए गए और उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई.
इस घटना पर त्रिपुरा के सीएम मानिक साहा (Manik Saha) ने कहा था, ऐसी घटनाओं के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता, बांग्लादेश में जो हो रहा है वो किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है. इन घटनाओं पर हमारी केंद्र सरकार और केंद्र के नेताओं की नजर होगी. वे निश्चित रूप से सही समय पर जरूरी कदम उठाएंगे.
-भारत एक्सप्रेस
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