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तीन कैंसर दवाओं की कीमतों में कटौती, सरकार के निर्देश पर कंपनियों ने घटाया MRP

भारत में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. लैंसेट की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में भारत में करीब 12 लाख नए कैंसर मामले और 9.3 लाख मौतें दर्ज की गईं. एशिया में कैंसर के मामलों में भारत का दूसरा स्थान है.

प्रतीकात्मक चित्र

कैंसर की तीन महत्वपूर्ण दवाओं – ट्रास्टुजुमैब डेरक्सटेकन (Trastuzumab Deruxtecan), ओसिमर्टिनिब (Osimertinib) और डुरवालुमैब (Durvalumab) – की अधिकतम खुदरा कीमत (MRP) में कमी की गई है. यह कदम सरकार के निर्देश पर उठाया गया है, ताकि उपभोक्ताओं को इसका सीधा लाभ मिल सके. संसद में शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी गई.

केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल (Union Minister Anupriya Patel) ने लोकसभा को लिखित जवाब में बताया कि सरकार ने इन दवाओं पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) को शून्य कर दिया है. इसके साथ ही, इन कैंसर दवाओं पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है.

कंपनियों ने घटाई कीमतें

मंत्री ने कहा कि कंपनियों ने सरकार की अधिसूचना का पालन करते हुए इन दवाओं की MRP में कटौती की है और इसकी जानकारी नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) को दी है.

एनपीपीए ने कंपनियों को निर्देश दिया था कि जीएसटी और कस्टम ड्यूटी में कमी का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाए और बदली हुई कीमतों की जानकारी उपलब्ध कराई जाए. उदाहरण के तौर पर, एस्ट्राजेनेका फार्मा इंडिया लिमिटेड (AstraZeneca Pharma India Ltd) ने कई फॉर्मूलेशन्स की एमआरपी में कमी की है.

रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने कहा-

“कंपनी द्वारा 19 नवम्बर 2024 को दी गई जानकारी के अनुसार, जब कस्टम ड्यूटी में छूट वाले स्टॉक बाजार में उपलब्ध होंगे, तो उनकी कीमतों में कटौती लागू की जाएगी.”

आम बजट में की गई थी घोषणा

केंद्र सरकार ने आम बजट 2024-25 में इन तीन कैंसर दवाओं पर कस्टम ड्यूटी हटाने की घोषणा की थी. इसका उद्देश्य कैंसर रोगियों की आर्थिक परेशानियों को कम करना और दवाओं की पहुंच आसान बनाना था.

कौन सी दवाएं और उनके उपयोग

ट्रास्टुजुमैब डेरक्सटेकन (Trastuzumab Deruxtecan): स्तन कैंसर के इलाज में उपयोगी.
ओसिमर्टिनिब (Osimertinib): फेफड़ों के कैंसर के लिए.
डुरवालुमैब (Durvalumab): फेफड़ों और बाइलरी ट्रैक्ट कैंसर के लिए.

भारत में बढ़ते कैंसर के मामले

भारत में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. लैंसेट की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में भारत में करीब 12 लाख नए कैंसर मामले और 9.3 लाख मौतें दर्ज की गईं. एशिया में कैंसर के मामलों में भारत का दूसरा स्थान है.

सरकार के इस कदम से दवाओं की कीमत कम होगी, जिससे कैंसर रोगियों और उनके परिवारों को राहत मिलेगी.


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-भारत एक्सप्रेस



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