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दिल्ली की सत्ता में वापसी के लिए बीजेपी के रास्ते पर AAP, क्या हिट हो पाएगा केजरीवाल का फॉर्मूला?

Delhi Assembly Election 2025: देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने में अब महज कुछ महीनों का वक्त बाकी रह गया हैं. माना जा रहा है कि 70 विधानसभा सीटों के लिए अगले साल फरवरी में चुनाव हो सकते हैं.

Arvind Kejriwal

Arvind Kejriwal

Delhi Assembly Election 2025: देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने में अब महज कुछ महीनों का वक्त बाकी रह गया हैं. माना जा रहा है कि 70 विधानसभा सीटों के लिए अगले साल फरवरी में चुनाव हो सकते हैं. ऐसे में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस ने कहीं न कहीं अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. हालांकि इस मामले में ‘आप’, फिलहाल कांग्रेस और बीजेपी से बाजी मारती नजर आ रही है. ‘आप’ अब तक उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है. पहली लिस्ट में 11, तो दूसरी में 20 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं. यानी इस तरह से अब तक कुल 31 प्रत्याशियों के नामों का एलान कर चुकी है.

अगर दोनों लिस्ट पर गौर किया जाए, तो इसमें काफी कुछ नया देखने को मिलेगा. पार्टी ने जिन 31 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान किया है, उनमें से 23 सीटों पर ‘आप’ को 2020 के चुनाव में जीत मिली थी. लेकिन इस बार इन 23 सीटों पर जीते विधायकों में सिर्फ 2 को ही दोबारा टिकट दिया गया है. हालांकि इन दोनों विधायकों की सीटें भी बदल दी गई है. पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को पटपड़गंज की जगह जंगपुरा से उम्मीदवार बनाया गया है, तो राखी बिडलान को मंगोलपुरी के बदले मादीपुर सीट से उतारा गया है. वहीं हाल ही में आप ज्वाइन करने वाले UPSC परीक्षा की तैयारी कराने वाले अवध ओझा को पटपड़गंज से टिकट दिया गया है. साफ है कि इस अदलाव से पार्टी में अंदरखाने हलचल बढ़ी हुई है. मौजदा विधायकों की धड़कनें तेज हो गई है. ऐसे में चर्चा ये भी होने लगी है कि केजरीवाल ने ये कदम एंटी इनकंबेंसी पर झाड़ू चलाने के इरादे से उठाया है.

पहली लिस्ट में 11 उम्मीदवारों के नाम

पहली लिस्ट में ‘आप’ ने जिन उम्मीदवारों के नामों का एलान किया था, उनमें से छतरपुर से ब्रह्म सिंह तंवर, किराड़ी से अनिल झा, विश्वास नगर से दीपक सिंघला, रोहतास नगर से सरिता सिंह, लक्ष्मी नगर से बीबी त्यागी, बदरपुर से राम सिंह, सीलमपुर से जुबैर चौधरी, सीमापुरी से वीर सिंह धींगान, घोंडा से गौरव शर्मा, करावल नगर से मनोज त्यागी और मटियाला से सुमेश शौकीन प्रमुख हैं. इनमें 6 नाम ऐसे हैं, जिन्होंने हाल ही में बीजेपी या कांग्रेस छोड़कर ‘आप’ में शामिल हुए हैं. 2020 के चुनाव में इन 11 में आप को 5 सीटों पर जीत मिली थी, जिनमें से तीन मौजूदा विधायकों के टिकट काटे गए है. पार्टी ने किराड़ी से रितू राज गोविंद, सीलमपुर से अब्दुल रहमान और मटियाला से गुलाब सिंह टिकट काटे हैं, जबकि दो विधायक राजेन्द्र पाल गौतम और करतार सिंह तंवर पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं.

दूसरी लिस्ट में 20 उम्मीदवारों के नाम

दूसरी लिस्ट में जिन उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है, उनमें नरेला से दिनेश भारद्वाज, तिमारपुर से सुरिंदर पाल सिंह बिट्टू, आदर्श नगर से मुकेश गोयल, मुंडका से जसबीर कराला, मंगोलपुरी से राकेश जाटव धर्मरक्षक, रोहिणी से प्रदीप मित्तल, चांदनी चौक से पुनरदीप सिंह साहनी, पटेल नगर से प्रवेश रतन, मादीपुर से राखी बिडलान, जनकपुरी से प्रवीण कुमार, बिजवासन से सुरिंदर भारद्वाज, पालम से जोगिंदर सोलंकी, जंगपुरा से मनीष सिसोदिया, देवली से प्रेम कुमार चौहान, त्रिलोकपुरी से अंजना पारचा, पटपड़गंज से अवध ओझा, कृष्णा नगर से विकास बग्गा, गांधीनगर से नवीन चौधरी, शाहदरा से जितेंदर सिंह संटी और मुस्तफाबाद से आदिल अहमद खान को टिकट दिया गया है.

Arvind Kejriwal

पिछले चुनाव में इन 20 में से 18 सीटों पर पार्टी को जीत मिली थी. लेकिन इस बार पार्टी ने अपने 18 मौजूदा विधायकों में से 15 के टिकट काट दिए हैं. जिनमें नरेला से शरद चौहान, तिमारपुर से दिलीप पांडेय, आदर्श नगर से पवन शर्मा, मुंडका से धर्मपाल लाकड़ा, जनकपुरी से राजेश ऋषि, बिजवासन से बीएस जून, पालम से भावना गौड़, देवली से प्रकाश जरवाल, त्रिलोकपुरी से रोहित मेहरौलिया, चांदनी चौक से प्रह्लाद साहनी, कृष्णा नगर से एसके बग्गा, शाहदरा से राम निवास गोयल, मुस्तफाबाद से हाजी यूनुस प्रमुख हैं. 2 विधायकों मनीष सिसोदिया और राखी बिडलान की सीट बदली गई है. 2 सीटें बीजपी के पास हैं. इन पर नए उम्मीदवार उतारे गए हैं. पटेल नगर सीट से AAP विधायक राजकुमार आनंद बीजेपी में शामिल हो चुके हैं और एक पुराने उम्मीदवार हैं.

‘AAP’ को क्यों बदलना पड़ रहा उम्मीदवार ?

जानकारों की मानें तो आम आदमी पार्टी बीते 10 वर्षों से सत्ता में है. इस बार पार्टी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. पहला 10 वर्षों की एंटी इनकंबेंसी है, दूसरा पार्टी के सीनियर नेताओं की कई मामलों में गिरफ्तारी, तीसरा भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोपों का सामना करते हुए चुनावी मैदान में उतरना है. यही वजह है कि पार्टी, मौजूदा विधायकों का टिकट काट रही है.

Aam Aadmi Party, Arvind Kejriwal

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी के आंतरिक सर्वे में कई मौजूदा विधायकों की स्थिति ठीक नहीं है. इन विधायकों को लेकर इलाके में खासा नाराजगी देखने को मिल रही है. उनमें से कई विधायकों के लिए ये चौथा चुनाव है, ऐसे में उनके खिलाफ आम लोगों से लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी देखने को मिल रही है. पार्टी को लग रहा है कि अगर उम्मीदवार नहीं बदले गए, तो चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ सकता है, ऐसे में लगातार तीसरी बार दिल्ली की सत्ता काबिज होने का सपना अधूरा रह सकता है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली विधानसभा चुनाव: AAP के ‘मन’ में क्या है?

एंटी इनकंबेंसी को कम करना

चुनाव में उम्मीदवार बदलने की परंपरा आमतौर पर बीजेपी में देखने को मिलती है. इस फायदा चुनावों में बीजेपी को मिलता भी रहा है. कई ऐसे चुनाव रहे हैं, जिनमें बीजेपी अपने उम्मीदवार बदलकर हारी हुई बाजी जीतने में कामयाब रही. दिल्ली नगर निगम का वो चुनाव तो सभी को याद होगा, जब बीजेपी ने अपने सभी मौजूदा पार्षद का टिकट काट दिया था. पार्टी को इसका फायदा मिला और वो दोबारा दिल्ली नगर निगम पर काबिज हो गई. इसके अलावा बीजेपी अपने इस फॉर्मूले को कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी अपना चुकी है.

ऐसे में आम आदमी पार्टी भी इसी फॉर्मूले के जरिए सत्ता में वापसी करना चाहती है. वैसे भी आम आदमी पार्टी के पक्ष में इस बार 2015 और 2020 जैसा माहौल नहीं है, पार्टी को पता है कि इस बार जीत के लिए उसे कड़ी मशक्कत करनी होगी, लिहाजा दिल्ली की सत्ता में वापसी के लिए आम आदमी पार्टी भी बीजेपी के रास्ते पर चलने को मजबूर है. हालांकि पार्टी को इसमें कितनी सफलता मिलती है, ये तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा

-भारत एक्सप्रेस 



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