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जॉर्ज सोरोस की संतानें हर उस फैसले का विरोध करेंगी, जो राष्ट्र एकता के लिए आवश्यक है : आचार्य प्रमोद कृष्णम

केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ ब‍िल को लोकसभा में पेश किया गया. अब इसे संयुक्त सदन समिति (जेपीसी) में भेजा जाएगा.

Acharya Pramod Krishnam

आचार्य प्रमोद कृष्णम.

Acharya Pramod Krishnam: केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ ब‍िल को लोकसभा में पेश किया गया. अब इसे संयुक्त सदन समिति (जेपीसी) में भेजा जाएगा. अब इस पर राजनीतिक प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है.

“विरोध करना इनकी आदत है”

पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने न्यूज एजेंसी IANS से बात करते हुए कहा, ” ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ देश के लिए बहुत अच्छा है. यह एक विधान, एक निशान और एक संविधान के सूत्र को मजबूत करता है, लेकिन अफसोस की बात है कि जब भारत के नए संसद का उद्घाटन और राम मंदिर बना तो कुछ लोगों के पेट में दर्द हुआ. तीन तलाक हटाया गया, श्री कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास हुआ तब भी ऐसा हुआ. उनके पेट में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर भी दर्द हो रहा है. जॉर्ज सोरोस की संतानें हर उस फैसले का विरोध करेंगी, जो राष्ट्र की एकता के लिए आवश्यक है.”

“अवतार होने से पहले का यह चमत्कार है”

संभल में पुराने मंदिर मिलने को प्रमोद कृष्णम ने चमत्कार बताया. उन्होंने कहा, “भगवान के अवतार होने से पहले का यह चमत्कार है. जहां तक संभल की बात है, यह भगवान कल्कि की अवतरण स्थली है और यहां पर भगवान खुद आएंगे. जहां भगवान का अवतार होता है, वहां पर पहले कुछ चमत्कार और उपद्रव भी होते हैं.” उधर, बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर लोकसभा में पीएम मोदी का ऐतिहासिक कदम बताया.

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“एक साथ चुनाव होने से देश का विकास होगा”

उन्होंने कहा, “संविधान निर्माताओं की भावनाओ के अनुकूल आज़ादी के बाद 15 साल तक वैसे ही चुनाव होता था, लेकिन वंशवादी राजनीति और इमरजेंसी लगाने वालों ने ये क्रम तोड़ा. अब फिर से एक साथ चुनाव होगा, ताकि देश का विकास और तेज़ी से हो सके.”

-भारत एक्सप्रेस



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