(प्रतीकात्मक तस्वीर)
असम में रैट होल (Rat Hole) के नाम से चर्चित एक कोयला खदान में अचानक पानी भर जाने से कम से कम 18 मजदूरों के फंसे हुए होने की आंशका है. 300 फुट गहरी यह कोयला खदान दीमा हसाओ जिले के एक सुदूर औद्योगिक शहर उमरंगसो में स्थित है.
खदान में पानी कैसे घुसा, इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है, लेकिन कुछ स्थानीय लोगों के हवाले से पुलिस की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि सोमवार (6 जनवरी) सुबह करीब 8 बजे से मजदूर खदान में फंसे हुए हैं. घटनास्थल उमरंगसो के नजदीकी पुलिस स्टेशन से करीब 30 किलोमीटर दूर है और जिला मुख्यालय हाफलोंग से यहां पहुंचने में करीब सात घंटे लगते हैं.
100 मीटर तक पहुंचा पानी
सूत्रों ने बताया कि अवैध खदान में पानी करीब 100 फीट ऊपर तक पहुंच गया है. पुलिस और बचाव दल मौके पर पहुंच गए हैं और दो मोटर पंपों की मदद से पानी बाहर निकाला जा रहा है. राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें मेघालय सीमा के करीब स्थित इलाके के लिए रवाना हो गई हैं.
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि राज्य ने चल रहे बचाव अभियान में सेना की सहायता का अनुरोध किया है. एक पोस्ट में उन्होंने कहा, ‘हमने चल रहे बचाव अभियान में सेना की सहायता का अनुरोध किया है. राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) भी मदद के लिए घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं.’
We have requested the Army’s assistance in the ongoing rescue operation. The State Disaster Response Force (SDRF) and the National Disaster Response Force (NDRF) are also on their way to the incident site to aid in the efforts. https://t.co/35ET3f80jr
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) January 6, 2025
खनन की खतरनाक तकनीक
रैट होल खनन एक खतरनाक तकनीक है, जिसमें मजदूरों द्वारा हाथ से संकरी सुरंगें खोदी जाती हैं. ये सुरंगें गहरे गड्ढों तक जाती हैं, जहां से कोयला निकाला जाता है. वे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाते हैं, क्योंकि खदानों से निकलने वाला अम्लीय पानी और भारी धातुएं कृषि और इंसाना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले जल स्रोतों के लिए विषाक्त हैं.
2018 में मेघालय के पूर्वी जैंतिया हिल्स जिले में ऐसे ही एक अवैध कोयला खदान में 15 खनिक फंस गए थे, जब पास की एक नदी का पानी खदान में घुस गया था. तत्कालीन कमांडेंट एसके शास्त्री ने कहा था कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल ने केवल दो शव देखे थे. 2019 में राज्य में अवैध कोयला खनन पर अंकुश लगाने में विफल रहने के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने मेघालय पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. एनजीटी ने पाया था कि राज्य की 24,000 खदानों में से अधिकांश अवैध थीं.
-भारत एक्सप्रेस
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