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“रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के दिन मिली सच्ची आजादी”, Mohan Bhagwat बोले- राम मंदिर आंदोलन भारत को जगाने के लिए था

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तारीख को प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाए जाने की वकालत की है.

RSS chief Mohan Bhagwat

संघ प्रमुख मोहन भागवत. (फाइल फोटो)

RSS Chief Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तारीख को प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाए जाने की वकालत की है. उन्होंने कहा कि भारत की सच्ची आजादी इसी दिन स्थापित हुई थी, जिसके लिए कई शताब्दियों तक परचक्र (शत्रु के हमले) का सामना हुआ.

22 जनवरी को हुई थी प्राण प्रतिष्ठा

बता दें कि पीएम मोदी की अगुवाई में 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी. हिंदू कलेंडर के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा के समारोह को 11 जनवरी 2025 को एक साल पूरा हो गया है.

संघ प्रमुख सोमवार (13 जनवरी) को इंदौर में आयोजित राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को मिले राष्ट्रीय देवी अहिल्या पुरस्कार के मौके पर बोल रहे थे. उन्होंने इस दौरान कहा कि राम मंदिर आंदोलन किसी का विरोध करने के लिए शुरू नहीं हुआ था.

भारत के स्व को जगाने के लिए था आंदोलन

मोहन भागवत ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि राम मंदिर आंदोलन भारत के स्व को जगाने के लिए शुरू किया गया था, जिससे भारत अपने पैरों पर खड़ा हो सके और विश्व को रास्ता दिखा सके.

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चंपत राय ने क्या कहा?

वहीं, सम्मान मिलने के बाद चंपत राय ने कहा कि मैं यह सम्मान राम मंदिर आंदोलन से जुड़े उन सभी लोगों को समर्पित करता हूं, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में किसी न किसी तरह से मदद की. उन्होंने कहा कि राम मंदिर हिंदुस्तान की मूंछ का प्रतीक है और वे सिर्फ इसके निर्माण के एक माध्यम मात्र हैं.

-भारत एक्सप्रेस



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